छत्तीसगढ़

यूपी में संगठन का प्रस्‍ताव कागज पर नहीं, इसको करने के लिए हम गांव-गांव जाएं, ब्‍लॉक-ब्‍लॉक जाएं और अपने संगठन को मजबूत बनाएं - प्रियंका गांधी

Shiv Kumar Mishra
26 Feb 2023 6:04 PM IST
यूपी में संगठन का प्रस्‍ताव कागज पर नहीं, इसको करने के लिए हम गांव-गांव जाएं, ब्‍लॉक-ब्‍लॉक जाएं और अपने संगठन को मजबूत बनाएं - प्रियंका गांधी
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हमें अपने गिले-शिकवे दूर करने पड़ेंगे, एकजुट होकर लड़ना पड़ेगा। हमें दिखाना पड़ेगा इस देश को कि आज नौजवानों के पास रोजगार नहीं है।

कांग्रेस के महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा ने महाधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि मंच पर उपस्थित सभी नेतागण, कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, राहुल गांधी और तमाम भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस के डेलीगेट्स, आज हम सब यहां उपस्थित हैं और हमें ये पहचानने की जरूरत है कि हमारे संगठन के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है। उस चुनौती का सामना हम कैसे करेंगे, इसी के लिए हम इकट्ठे हुए हैं और तीन दिनों से चर्चा चल रही है, इसके बारे में कुछ एक-दो अपनी बातें कहना चाहती हूं। खासतौर से उन कार्यकर्ताओं के लिए जो देश भर में हैं, लेकिन आज यहां उपस्थित नहीं है।

देखिए कांग्रेस का कार्यकर्ता कौन है– वो अनोखेलाल हैं, जो इस झण्‍डे को लेकर कन्‍याकुमारी से कश्‍मीर तक चले। वो दिनेश है, जो आज दिख नहीं रहा है, जो इसी तरह से देश के ध्‍वज को लेकर नंगे पांव चला। कल किसी ने नसीब पठान जी का नाम लिया, उत्तर प्रदेश के एक नेता थे, आजीवन कांग्रेस के प्रति उन्‍होंने निष्‍ठा दिखाई, उसी तरह से मैं कई नाम ले सकती हूं।

कल जब शोक प्रस्‍ताव हुआ, ईश्‍वर चंद्र शुक्‍ला जी का नाम लिया, लेकिन ईश्‍वर चंद्र शुक्‍ला जी, उनको टिकट नहीं मिला चुनाव में, फिर भी उन्होंने प्रचार किए और प्रचार करते-करते उनका देहांत हुआ, मैं पच्‍चू पासी का नाम ले सकती हूं जो रोज सुबह वही सफेद जूते पहनकर गांव-गांव जाते थे, कांग्रेस के लिए प्रचार करते थे, कांग्रेस का झण्‍डा फहराया करते थे, उनका भी देहांत हुआ।

यूपी में हम मजाक में कहते हैं कि एक लाइफलॉन्ग कांग्रेस सफरर होता है, जो यूपी के कार्यकर्ता हैं, वे समझेंगे ये बात। जो कार्यकर्ता आजीवन अपने वजूद के लिए संघर्ष करता है, मैं आज थोड़ा उसके पक्ष में बोलना चाहती हूं और मैं कहना चाहती हूं कि जब भी हम ऐसे इकट्ठे होते हैं, तो हम नए-नए प्रस्‍ताव लाते हैं और ये सही है, हमने कहा है मंडल तक हमें अपना संगठन बनाना है, ब्‍लॉक तक बनाना है, नए लोगों को जोड़ना है, लेकिन ये कर्मकाण्‍ड नहीं होना चाहिए, ये प्रस्‍ताव कागज पर नहीं रहना चाहिए, इसको करने के लिए हम सबकी जिम्‍मेदारी बनती है कि हम गांव-गांव जाएं, ब्‍लॉक-ब्‍लॉक जाएं और अपने संगठन को मजबूत बनाएं।

भारत जोड़ो यात्रा निकली, राहुल गांधी बैठे हैं, उन्‍होंने कांग्रेस की विचारधारा की एक लंबी लकीर खींचकर दिखाई। जो बहुत समय से नहीं हुआ था, उन्‍होंने करके दिखाया। पूरे देश ने देखा कि कांग्रेस का कार्यकर्ता, कांग्रेस का नेता किसलिए खड़ा है, किस विचारधारा के लिए लड़ रहा है, उस विचारधारा का मतलब क्‍या है, ये काम भारत जोड़ो यात्रा ने किया। देश भर से लोग आए, कन्‍याकुमारी में आए, केरल में आए, मध्‍यप्रदेश में आए हर जगह जहां-जहां यात्रा गई, वहां आए।

जब कश्‍मीर में थे, तो मैं कुछ महिलाओं के साथ खड़ी थी, यात्रा का इंतजार कर रहे थे हम, उन महिलाओं ने मुझे कहा कि 3 सालों तक उनको घर से निकलने की हिम्‍मत नहीं थी, लेकिन इस यात्रा ने उन्‍हें हिम्‍मत दी, वे बाहर आईं।

तो ये हिम्‍मत दिलाना, ये हम कांग्रेसजनों का काम है, जो समझ रहे हैं कि देश में गलत हो रहा है, जो देश की राजनीति को देखकर समझ रहे हैं कि जो हो रहा है, वो ठीक नहीं है। उनको एक प्‍लेटफॉर्म देना, उनकी आवाज को बुलन्‍द करना, हमारा काम है। जो नहीं समझ रहे हैं, उन्‍हें भी समझाना, उनके पास जाना हमारा काम है।

तो एक बहुत बड़ी जिम्‍मेदारी है, हमें अपने गिले-शिकवे दूर करने पड़ेंगे, एकजुट होकर लड़ना पड़ेगा। हमें दिखाना पड़ेगा इस देश को कि आज नौजवानों के पास रोजगार नहीं है। जितने भी विज्ञापन हैं, जो भी दिखा रहे हों, जहां-जहां हम जाते हैं, रोजगार नहीं है। रोजगार क्‍या, जो नौजवान परीक्षा देते हैं भर्ती के लिए, वो घोटालों में उलझे हुए हैं, उसके लिए क्‍या प्रस्‍ताव है हमारा।

कांग्रेस पार्टी इन तीन दिनों में जितने भी प्रस्‍ताव ला रही है, जैसे- किसानों के लिए, मैं आज पढ़ रही थी कि एक प्रस्‍ताव है न्‍याय योजना की तरह हमें किसानों के लिए एक योजना बनानी है। तो ये सब बातें पब्लिक तक पहुंचाना हमारा काम है और इसमें आपकी बहुत अहमियत है। तो एक साथ हमें काम करना पड़ेगा, चाहे महिलाओं के लिए, उनके विकास के लिए, चाहे ये समझाना कि जबकि देश का किसान आज कर्ज में डूब रहा है, मुश्किलों से घिरा हुआ है, लेकिन जमीन प्रधानमंत्री जी अपने दोस्‍तों को मुफ्त में दिलवा रहे हैं। आज हमें देश को दिखाना पड़ेगा कि किस तरह कुछ गिने-चुने उद्योगपति आगे बढ़े जा रहे हैं, उनकी आमदनी दोगुनी-तिगुनी बढ़ती जा रही है और किसान की आमदनी कम होती जा रही है, नौजवानों के रोजगार कम होते चले जा रहे हैं, महंगाई बढ़ती जा रही है, किसानों के कर्ज माफ नहीं होते, लेकिन बड़े-बड़े उद्योगपतियों के होते हैं, ये सब बातें हमें पब्लिक में ले जानी हैं।

अब हमारे पास सिर्फ एक साल बचा है, हमसे उम्‍मीदें हैं। ये उम्‍मीद है कि हम एकजुट हों कि जितनी भी पार्टियां हैं, जितने भी दल हैं, जितने भी लोग हैं, जिनकी विचारधारा इनसे विपरीत है, वो आगे आएं, एकजुट होकर लड़ें। सबसे उम्‍मीद है, लेकिन सबसे ज्‍यादा उम्‍मीद कांग्रेस पार्टी से है, आज और मैं जानती हूं हम इस उम्‍मीद पर खरे उतर सकते हैं कि आपकी मेहनत से हमारी मेहनत से, हमारी एकजुटता से, हमारे समर्पण से और अपने संविधान के प्रति हमारी निष्‍ठा से हम सब इस काम को करके दिखा सकते हैं।

तो आज जब आप यहां से जाएंगे, घर-घर जाएंगे, अपने-अपने क्षेत्र में जाएंगे, तो आप नए लोगों को जोड़ि‍ए। नए लोग जुड़ते कैसे हैं– विचारधारा से जुड़ते हैं, जज़्बातों से जुड़ते हैं और आपकी मिसाल से जुड़ते हैं। तो हमें मिसाल बनना चाहिए कि राजनीति कैसे होनी चाहिए, कि किस तरह से हमें अपनी राजनीति करनी है।

जब-जब चुनाव आता है तो ऐसे मुद्दे उठते हैं, जिनसे जनता का कोई मतलब नहीं हैं। क्‍यों कह रही हूं कि 'मतलब नहीं है', क्‍योंकि जब रोजगार की बात होती है, युवाओं की बात होती है, महंगाई की बात होती है तो इन मुद्दों पर चुनाव लड़े जाने चाहिए कि किस तरह से विकास होगा। भविष्‍य में हम क्‍या प्रस्‍ताव रख रहे हैं, कौन से सकारात्‍मक कदम हम उठाने जा रहे हैं। ये हमारी राजनीति होनी चाहिए और आज-कल की जो राजनीति है, जो देश का माहौल है, जो नकारात्‍मकता है, उससे हमें ऊपर उठना पड़ेगा और हमें सकारात्‍मक तरह से भविष्‍य के लिए अपने प्रस्‍ताव रखने पड़ेंगे और अपनी बात रखनी पड़ेगी। मुझे पूरी उम्‍मीद है कि हम इस लड़ाई में सफल होंगे, क्‍योंकि हम मजबूत हैं।

आज भी अगर आप सब यहां बैठे हैं, इसका मतलब है कि आप पार्टी के प्रति समर्पित हैं और आप निडर हैं। हमारे तमाम नेताओं, कार्यकर्ताओं का इस सरकार ने दमन किया है। कल भी छत्‍तीसगढ़ में रेड पड़वाई एजेंसियों के द्वारा, क्‍या-क्‍या नहीं किया। लेकिन आज भी हमारे नेता खड़े हैं, आज भी हमारे कार्यकर्ता खड़े हैं और मैं जानती हूं कि आपका संघर्ष क्‍या है? अगर हमें पूछताछ के लिए 2 दिन के लिए बुलाया जाता है, तो आपको जेल में महीनों के लिए रखा जाता है। अगर हमें पुलिस घसीटकर ले जाती है तो आप लाठियां खाते हैं। तो हम जानते हैं कि आप में कितनी हिम्‍मत है, अब देश को भी ये हिम्‍मत दिखानी है। देश के संविधान के लिए, लोकतंत्र के लिए और एक मजबूत भविष्‍य के लिए हम सबको इकट्ठे लड़ना है। आप सबका बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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