- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
स्वदेशी आंदोलन चला रहे राजीव दीक्षित की रहस्यमयी तरीके से मौत की जांच होनी चाहिए या नहीं?
साल 2010 में स्वदेशी आंदोलन चला रहे राजीव दीक्षित की छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई. कारण बताया गया कि उन्हें एक सीरीयस- हार्ट अटैक आया था.
इसके बड़े कारण
(1) लेकिन बिना पोस्ट-मार्टम कराए ही राजीव दीक्षित का शव, दुर्ग जिले से हरिद्वार स्थित पतंजली योगपीठ भेज दिया गया.
(2) राजीव दीक्षित के समर्थकों के अनुसार- राजीव का शव बैंगनी और नीला पड़ गया था. उनकी स्किन उधड़ी लग रही थी, नाक के आसपास काले नीले रंग का खून जमा हो गया था. ऊपर से उनका पोस्टमार्टम नहीं करवाया गया था.
(3) इस कारण वे इसे एक स्वाभाविक मौत नहीं मानते. राजीव दीक्षित के समर्थक इसके पीछे राजीव के पुराने सहयोगी- रामदेव को जिम्मेदार मानते हैं. हालाँकि रामदेव इन आरोपों से इंकार करते हैं.
(4) मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- 9 साल यानी 2019 में प्रधानमंत्री कार्यालय ने छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस को राजीव दीक्षित की मौत की नए सिरे से जांच करने का आदेश जारी किया. लेकिन उसके बाद की कोई अपडेट अभी मीडिया में नहीं है.
(5) नरेंद्र मोदी वाले पीएमओ ने दुबारा जांच के आदेश दिए इसका अर्थ है पीएमओ प्रथम दृष्टया राजीव दीक्षित की रहस्यमयी मौत को एक सामान्य मौत तो नहीं ही मानता. यानी पीएमओ को कुछ गड़बड़ लगी, कुछ तो बेसिक स्टडी की ही होगी, इस कारण दोबारा जांच के निर्णय पर पहुंचे होंगे. इसका मतलब ये सिर्फ एक कांस्पीरेसी थ्योरी नहीं है. बल्कि पीएमओ को भी मामूली सा शक तो है.
(6) पीएमओ ने ये आदेश क्यों दिया ये भी समझ से परे है, हो सकता है रामदेव पर दबाव बनाने या बारगेनिंग करने के लिए इस जाँच को दुबारा खोलने की बात कही हो और एडजस्टमेंट होने के बाद इस मामले में और अधिक इंटरेस्ट न लिया हो.
(7) वर्तमान में कांग्रेस छत्तीसगढ़ सरकार में है. CMचाहें तो राजीव दीक्षित के समर्थकों की आशंकाओं पर दुबारा जांच शुरू कर सकते हैं. चूँकि पीएम ऑफिस खुद जांच का आदेश दे चुकी है.
(8) क्या पता राजीव दीक्षित की मौत के रहस्य से पर्दा उठ जाए. हो सकता है रामदेव बाबा भी क्लीन चिट पा लें. क्योंकि बिना जांच के राजीव दीक्षित के समर्थक रामदेव बाबा पर ही साजिश रचने का आरोप हमेशा लगाते रहेंगे. जो एक संत, तपस्वी की छवि के लिए सही नहीं.
(9) मैं संत रामदेव का सम्मान करता हूँ. इसलिए चाहता हूँ कि सीएम भूपेश बघेल दुबारा जांच करके रामदेव बाबा का सम्मान बढ़ाने में मदद करें. क्या आप भी ऐसा चाहते हैं?
(10) हम छत्तीसगढ़ पुलिस और छत्तीसगढ़ CM ऑफिस से गुजारिश करते हैं कि वो पीएमओ के आदेश के बाद राजीव दीक्षित की मौत की हुई जाँच की रिपोर्ट को सार्वजनिक पटल पर रखे और बताए कि उस जांच का क्या हुआ?