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तो क्या कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ले लेंगी सन्यास
रमेश शर्मा
छत्तीसगढ़ के रायपुर में कांग्रेस के अधिवेशन में कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने शनिवार को राजनीति से संन्यास लेने की ओर इशारा किया है। उन्होंने कहा है कि "मनमोहन सिंह के सक्षम नेतृत्व के साथ 2004 और 2009 में हमारी जीत ने मुझे व्यक्तिगत संतुष्टि दी लेकिन मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि मेरी पारी भारत जोड़ो यात्रा के साथ समाप्त हो सकती है, जो कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
सोनिया गांधी ने कहा कि आज पूरे देश में आर एस एस और भाजपा ने देश के हर एक संस्था पर कब्जा कर लिया है यह समय देश के लिए और कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण है।। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत के लोग सद्भाव, सहिष्णुता और समानता चाहते हैं। हालांकि यह कहना खुद सोनिया गांधी का है मगर राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान लगभग 15000 से भी ज्यादा कांग्रेसी प्रतिनिधियों के सामने कही गई बात क्या कांग्रेस के नेता इसे आसानी से स्वीकार कर लेंगे!
इसके अलावा दूसरी बात यह भी है कि जब पार्टी के ही बरसों से पार्टी से जुड़े नेता ही कांग्रेस पार्टी के सामने सियासी संकट पैदा किए हुए हैं हो सकता है सोनिया गांधी का यह संदेश भी उसी को देख कर दिया हुआ माना जा सकता है।। हाल ही में खुद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिस बोलने से कहा था कि वे अंतिम सांस तक राजनीति से संन्यास नहीं लेंगे शायद यह भी कांग्रेस के नेताओं के लिए एक चुनौती रही होगी।
अगर सूत्रों की माने तो यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि कांग्रेस के किस अधिवेशन में जो प्रभावी प्रस्ताव पारित किए जाएंगे उसमें पार्टी में प्रमुखता से अनुशासन को प्राथमिकता दी जाएगी। देखने वाली बात यह होगी कि सोनिया गांधी के हाथ दिए गए इस चौकानेवाले कथन के बाद राष्ट्रीय अधिवेशन में क्या कुछ निर्णय लिया जाता है।