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मंत्री टीएस सिंहदेव के इस्तीफा के सच आया सामने, जानकर होंगे हैरान आखिर क्या हुआ है खेल
रोमी सिद्दीकी
सरगुजा रियासत के महाराज, अम्बिकापुर के विधायक वर्तमान सरकार में नम्बर दो के हैसियत रखने वाले मंत्री टीएस सिंहदेव जिन्हें प्यार से सरगुजा सहित पुरे प्रदेश में बाबा के नाम से लोग संबोधित करते हैं। उनके अचानक अपने एक मंत्रालय से पृथक कर लेने छत्तीसगढ़ के राजनीतिक में भूचाल आ गया है। हर कोई यह जानने में लगा है कि आखिर कारण क्या है…?
बहरहाल सिंहदेव ने अपने पत्र में जिन कारणों को बताकर अपने को एक मंत्रालय से अलग किया है। उनमें कुछ कारणों को विपक्ष यानी भाजपा पहले से ही भूपेश सरकार में लगातार हल्ला मचा रहे हैं। वही टीएस सिंहदेव के द्वारा अपने ही सरकार में लगाए गये आरोप अब भाजपा को बैठे बैठाये मुद्दा मिलने के समान है। जिसे भाजपा आने वाले दिनों में इन मुद्दों को लेकर सड़क पर उतरने की तैयारी करेगी, ऐसा राजनीति के पंडित अनुमान लगा रहे हैं।
ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री बनने के कथित वादे से छत्तीसगढ़ की कांग्रेस की राजनीति में पहले से हलचल चल रही थी लेकिन सतह पर आने से पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस मुद्दे को दबा देते थे। वहीं पिछले दिनों कुछ ऐसे-ऐसे घटनाएं सामने आए जिसे देख लोग वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव के सहनशीलता के कायल हो गये। आप को कुछ घटनाए हम बता रहे जिसे सिंहदेव ने खुद बताया। जिसमें मुख्य रूप से बस्तर संभाग के दौरा में जिले के कलेक्टर, एसपी के द्वारा इन्हें वो तवज्जो नहीं दिये जितना प्रोटोकॉल के तहत देना चाहिए। कही-कही तो कलेक्टर मिलने तक नहीं आये लेकिन उन्होंने पिछले दरवाजे से यह इशारा भी कर दिया की हाईकमान का यह आदेश है इस लिए हमें क्षमा करें। इन सब बातों के बाद भी टीएस सिंहदेव ने ऊफ तक नहीं कहा।
वही मुख्यमंत्री के द्वारा स्वास्थ्य विभाग या फिर पंचायत विभाग में बिना सिंहदेव को सुचित किये बगैर योजनाओं का क्रियान्वयन करना या आदेश जारी करना कही ना कही उनको हल्का करने के समान है। जाहिर है ऐसे कई कारण होगे जिसको लेकर सिंहदेव का सब्र टूट गया।
टीएस सिंहदेव का छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने में था महत्वपूर्ण भूमिका
छत्तीसगढ़ में लगातार 15 वर्षों से सत्ता से दूर रहते हुए कांग्रेस को सत्ता में स्थापित करने में टीएस सिंह देव की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। टीएस सिंहदेव की कार्यक्षमता का ही एक बेजोड़ कार्यशैली था जब बस्तर से लेकर सरगुजा, जशपुर तक कांग्रेस ने अपनी जीत सुनिश्चित की। सिंहदेव ने अपने स्वयं के रुपये को पानी की तरह बहाया ताकि कांग्रेस के कार्य में कोई दिक्कत ना आए। सरगुजा के सभी विधानसभा क्षेत्रों में जीत सुनिश्चित करने लिए किसी भी चीज़ की कमी नहीं आने दी। इसके बावजूद कुछ सरगुजा के विधायकों ने सरकार के गठन से ठीक पहले उछाला मर कर पाला बदल लिए, इसके बावजूद सिंहदेव ने ऊफ तक नहीं कहा।