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बुराड़ी: 11 लोगों की खुदकुशी वाले हॉन्टेड हाउस में रह रहे दो भाई, बोले- आधी रात को आती हैं आत्माएं
भाटिया भवन, संत कबीर नगर, गली नंबर 2, बुराड़ी. 1 जुलाई, 2018 को इस एड्रेस ने पूरे देश का दिल दहला दिया था. चूंडावत परिवार के 11 लोग एक साथ फंदे पर झूल गए थे. 11 मौत और कई कहानियां. इस घटना के बाद लोग इस घर को फांसी घर, मुर्दा घर, हॉरर हाउस जैसे नामों से जानने और पुकारने लगे. अफवाहें फैलीं की घर से आवाजें आती हैं- हमें बचा लो, कई बार चूंडावत परिवार के लोग टहलते हुए दिखते हैं, घर के आसपास से निकलने वालों को अपने साथ अजीब से साए के होने का अहसास होता है.
अब इन तमाम अफवाहों पर दो भाइयों ने विराम लगाने की कोशिश की है. अहमद अली और अफसर अली नाम के ये दो भाई अक्टूबर 2018 से इस घर में रहते आ रहे हैं. लेकिन इनका यहां रहना आसान नहीं है. भूत-प्रेत या आत्माओं के चक्कर में नहीं बल्कि पड़ेासियों के चलते. लगातार उन्हें यहां न रहने की सलाह कोई न कोई देता रहता है. उन्हें प्रेत और आत्माओं की बातें बता कर डराया जाता है लेकिन दोनों पर इनका कोई असर नहीं होता.
तो क्या आपने छोड़ा अपना घर
30 साल के अहमद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि लोग हमारे इस निर्णय पर सवाल खड़े करते रहते हैं, मैं उनसे सिर्फ एक ही बात पूछता हूं क्या आपके घर में कभी किसी की मौत होती है तो आप घर छोड़ देते हैं? लेकिन इसके बावजूद लोगों की प्रतिक्रिया अजीब होती है. अहमद ने बताया कि चूंडावत परिवार से उनका संबंध 8 साल पुराना था. अली भाइयों ने बताया कि वो इस घर में तब से ही हैं जब पिछले वर्ष 14 अक्टूबर को पुलिस ने यह घर परिवार में अकेले बच गए बेटे दिनेश चूंडावत को दे दिया था. दिनेश का परिवार यहां दो दिन रहा और उसके बाद उसने घर को अली भाइयों को रहने के लिए दे दिया.
मैं बस अफवाहों पर लगाम लगाना चाहता हूं
दिनेश ने कहा कि मुझे इस घर को किराए पर नहीं देना है. अली भाइयों के यहां पर रहने से घर के भूतहा होने की अफवाहों पर विराम लगेगा. दिनेश ने बताया कि वो समय-समय पर इस घर में जाते रहते हैं, पिछले महीने ही वो यहां करीब एक सप्ताह तक रुके थे.
कुछ रातों तक डर लगा
इस घर में पहली रात दोनों भाई उसी कमरे में सोए जहां चूंडावत परिवार की मुखिया 80 वर्षीय नारायणी देवी का शव अलमारी से लटका हुआ मिला था. अहमद ने कहा कि परिवार के 11 लोग जिनको हम इतने सालों तक हर दिन देखते थे, बातें करते थे, उन्होंने इस घर में अपनी जान दी थी. यह बात कुछ रातों तक हमें डराती थी लेकिन अब यह घर हमारे लिए उतना ही सामान्य है जितना कोई और घर होता.
बता दें कि इसी बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर अहमद अपनी कारपेंटरी (बढ़ई) की दुकान चलाते हैं.
आधी रात को आत्माएं आती हैं
अहमद ने कहा कि वो मानते हैं कि आधी रात को आत्माएं आती हैं. उन्होंने कहा कि बरेली जिले में मेरे गांव में लोगों में यह धारणा है कि आत्माएं आती हैं और मैं इस बात को मानता भी हूं. लेकिन मेरी दिनचर्या कुछ ऐसी है कि मैं रात का खाना खाने के बाद आधी रात को छत पर टहलता हूं. उस वक्त मैं घर में नहीं होता हूं. वहीं अहमद के भाई अफसर को इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता. वो इन बातों को नहीं मानते हैं. अहमद ने कहा कि जब हम दोनों ने इस घर में रहने का निर्णय लिया तो सबसे पहले हमारे ही परिवार ने हमारा विरोध किया था. मेरी पत्नी नहीं चाहती थी कि मैं यहां पर रहूं. मैंने उसे इस बात के लिए राजी तो कर लिया लेकिन उसने यहां रहने से इनकार कर दिया.
पड़ोसी हम डराने का प्रयास करते हैं
अहमद ने कहा कि कई बार हमारे कई साथी भी यहां रहने के लिए आते हैं लेकिन हम पड़ोसियों से ज्यादा संपर्क नहीं रखते. क्योंकि वो हमेशा इस घर को लेकर हमें डराने का प्रयास करते हैं.
बिकने की भी अफवाह
इसके अलावा संत कबीर नगर में यह अफवाह भी जोर पकड़ रही है कि घर को बेचा जा रहा है. इस बारे में उसी गली में कपड़े प्रेस करने वाले संदीप ने कहा कि उसने सुना है घर बेचा जा रहा है और 1.5 करोड़ रुपए कीमत लगाई गई है. उसने बताया कि एक व्यक्ति ने दिनेश को घर खरीदने के लिए 1.2 करोड़ रुपए का ऑफर भी दिया था लेकिन उसने मना कर दिया. दिनेश का कहना है कि उसे घर बेचने की कोई जल्दी नहीं है और इस घर की कीमत 1.5 करोड़ रुपए से कहीं ज्यादा है.
दिनेश ने कहा कि मैं किसी भी डर से इस घर को कौड़ियों के भाव में नहीं बेचूंगा. मैं 4-5 साल और इंतजार कर सकता हूं, इतने समय में घर को लेकर लोगों की मानसिकता भी बदल जाएगी. यदि मैं इसे अभी बेच कर यहां से चला जाता हूं तो लोग सोचेंगे कि घर में सही में कुछ गड़बड़ है. दिनेश ने बताया कि एक डॉक्टर ने भी उनसे संपर्क किया था जिसका इस घर के पास ही प्लॉट है. हालांकि हमारे बीच कोई खरीदने या बेचने को लेकर कोई खास बात नहीं हुई लेकिन उन्होंने कहा कि यदि मैं भविष्य में इस बारे में सोचता हूं तो उनसे संपर्क जरूर करूं.
सस्ते में बिकेगा घर
वहीं इलाके के प्रॉपर्टी डीलर्स का मानना है कि घर की कोई खास कीमत नहीं मिलेगी. वहीं के एक प्रॉपर्टी डीलर रणजीत झा के अनुसार कुछ साल पहले ही यहां पर एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी का खून कर दिया था. मैंने उस घर को 20 लाख रुपए में खरीद लिया था जो कि उसकी वास्तविक कीमत का आधा था. ऐेसे में भाटिया हाउस भी काफी सस्ता बिकेगा. वहीं पास में ही अपना क्लिनिक चलाने वाले डॉ. रविंद्र कुमार ने कहा कि लोगों ने खासकर प्रॉपर्टी डीलर्स ने ऐसी अफवाहें फैला रखी हैं ताकि प्रॉपर्टी के दाम कम बना रहे.
दुकानें भी किराए पर नहीं उठीं
अफवाहों के चलते दिनेश उसी बिल्डिंग में मौजूद 3 दुकानों को भी किराए पर नहीं उठा सके हैं. दिनेश ने बताया कि 2 महीने पहले मैंने एक दुकान पर किराए का बोर्ड लगाया था. इस दौरान एक महिला आई भी थी लेकिन उनके परिवार ने उन्हें दुकान किराए पर लेने से मना कर दिया. वहीं दिनेश अपने भाई की दुकान का बचा हुआ सामान भी बेचना चाहते थे लेकिन ऐसी ही समस्याएं सामने आईं और लोगों ने सामान नहीं खरीदा.
परिवार के लोगों का नाम चिल्लाते हैं लोग
इन सभी बातों के बीच अभी भी वहां पर रहने वाले लोग डरे-सहमे हुए हैं. यहां आने वाले लोग उस घर को अजीब निगाहों से देखते हैं, उसके सामने रुकते भी हैं. वहीं पास ही रहने वाले सोमनाथ ने बताया कि कुछ लोग बदमाशी भी करते हैं और लोगों को डराने के लिए देर रात उस घर के बाहर मृतकों में से किसी का नाम चिल्ला कर भाग जाते हैं.