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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट: अंकित शर्मा की मौत का कारण सदमा है, नहीं निकले 400 घाव
इंटेलिजेंस ब्यूरो(IB) अधिकारी अंकित शर्मा(जो पिछले महीने दिल्ली हिंसा में मारे गए थे) की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अब सामने आई है। जिसमें मौत का कारण सदमा है जो फेफड़ों और मस्तिष्क में चोटें लगने की वजह से रक्तस्राव के कारण हई है. कुछ चोटें धारदार हथियार से भी की गई थीं।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान मारे गए इंटेलिजेंस ब्यूरो कर्मी अंकित शर्मा की हत्या में स्पेशल सेल के हत्थे चढ़े आरोपी सलमान उर्फ नन्हें ने यह खुलासा किया है कि दर्जन भर लोगों ने मिलकर अंकित पर हमला किया था। पोस्टमार्टम में भी उस पर छोटे बड़े 400 वार करने का खुलासा हुआ था।
सलमान ने पूछताछ में यह भी बताया कि अंकित की हत्या बड़े ही बेहरमी से की गई थी। इसके लिए पहले उसे 10 से 12 लोगों ने जमकर पीटा था। फिर उसे घसीटते हुए ताहिर हुसैन की घर की तरफ ले गए थे, जहां चाकुओं ने उस पर ताबड़तोड़ वार किए गए थे।
पुलिस के मुताबिक, जब सलमान का फोन सर्विलांस पर लगाया गया था तो उसने किसी से कहा कि दंगे में हमने एक को बुरी तरह से गोद डाला था। इस वाक्य ने ही उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। दरअसल पुलिस ने उसे इस बात पर ही हिरासत में लिया और उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने अंकित की हत्या की बात स्वीकारी।
ऐसे पकड़ में आ रहे चेहरे
दिल्ली दंगों की जांच कर रही पुलिस ने चेहरों की पहचान के लिए आइडेंटिफिकेशन सॉफ्टवेयर का सहारा लिया है। इसमें दिल्ली के कुल 12 थाना क्षेत्रों के कुल 61 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के करीब 20 लाख लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड आदि के चेहरों का डेटा डाला गया है और सीसीटीवी तथा जनता की ओर से भेजे गए वीडियो के चेहरों का मिलान किया जा रहा है।
अब तक 11 सौ से ज्यादा लोगों की पहचान हो चुकी है। इसमें तीन सौ से ज्यादा लोग यूपी से दंगा करने के लिए आए थे। इससे गहरी साजिश का खुलासा होता है। खुद गृह मंत्री अमित शाह ने इस बात का खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि एक ही समुदाय के 1100 लोगों को पकड़ने की बात गलत है। पुलिस ने कुल 2647 लोगों को हिरासत में या फिर गिरफ्तार किया है।
14 और आरोपियों की गिरफ्तारी
हिंसा मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने शुक्रवार को 14 और आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस के हत्थे चढ़े ये आरोपी चांद बाग इलाके में हुई हिंसा मामले में दबोचे गए हैं। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी से दंगे से जुड़े पांच मामलों का खुलासा किया है, जिनमें से तीन मामले दंगे के अलावा हत्या की धाराओं के तहत भी दर्ज किए गए थे। आरोपियों की धर-पकड़ की कार्रवाई में पुलिस की 15 टीमें दिल्ली-एनसीआर सहित करीब दो दर्जन से ज्यादा इलाकों में लगातार दबिश दे रही हैं। हिंसा मामले की जांच के दौरान वीडियो, तस्वीर व लोगों के बयान के आधार पर क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने अबतक 1922 संदिग्घों की पहचान कर ली है, जिसमें से 336 दिल्ली के बाहरी के बताए जा रहे हैं। इन सभी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार विभिन्न इलाकों में छापेमारी कर रही हैं।