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रविवार शाम को नौ बजे नौ मिनट देश के प्रत्येक निवासी को अपने घर की सभी लाइटें बुझाकर दीपक जलाने थे. जिसका देश वासियों ने अभूतपूर्व स्वागत किया. इसके वावजूद भी हम महामारी को लेकर अभी भी निश्चिन्त नजर आ रहे है. जहाँ देश के करोड़ो लोग इस महामारी से परेशान है तो करोड़ों लोंगों ने आज पटाखे चलाकर एक बार फिर गलती की है.
इस बात पर डॉ कुमार विश्वास ने कहा कि ये तो हद्द है. कहा क्या गया,हो क्या रहा है ? कब सुधरेंगें? मेरी कॉलोनी में लोग सड़क पर पटाखे फोड़ रहे हैं ! हम हर विपदा का प्रहसन क्यूँ बना देते हैं ? कोरोना योद्धाओं के लिए कृतज्ञता का दीपक हथेली पर लिए, बालकनी से पटाखे न चलाने के लिए पड़ोसियों पर चिल्लाता मैं अकेला क्यूँ हूँ ?
मतलब जिस तरह से लोंगों ने दीपक के साथ पटाखे फोड़े है वो वास्तव में गलती की है. क्योंकि कोरोना की महामारी में अगर प्रदुषण बढ़ा तो देश को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. आज लोंगों ने दीपक जलाने के साथ पटाखे भी जोर शोर से चलाए है.