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Air Pollution: दिल्ली-NCR की एयर क्वालिटी बेहद खराब, इन इलाकों में AQI 'खतरनाक' स्तर पर पहुंचा
Air Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा की क्वालिटी शुक्रवार की रात और शनिवार की सुबह तक बहुत खराब वाले कैटेगरी में बरकरार है और ये चिंता का विषय बनी हुई है। कुछ इलाकों में AQI गंभीर कैटेगरी में दर्ज की गई है। आनंद विहार में शुक्रवार की देर रात एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 464 दर्ज किया गया था।
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार शाम दिल्ली की ओवरऑल एयर क्वालिटी बहुत खराब कैटेगरी में रही, क्योंकि AQI 309 पर पहुंच गया। राष्ट्रीय राजधानी में ओवरऑल एक्यूआई शुक्रवार को 329 था।
Air quality dips in Delhi with overall AQI being 309 (very poor) this morning; visuals from Mathura Road, Barakhamba Road & Pragati Maidan
— ANI (@ANI) October 29, 2022
A cart puller, Sukhdev says,"Stepping out of home is a necessity.Breathing gets difficult sometimes,you can feel change in air even in eyes" pic.twitter.com/CAixCoZbfM
नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स दिखाने वाली सरकारी वेबसाइट पर लिस्टेड निगरानी स्टेशनों के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली यूनिवर्सिटी इलाके में एक्यूआई 355 पर रहा।
इस बीच, नोएडा में एक्यूआई 392 दर्ज किया, जबकि गुरुग्राम का एक्यूआई 313 था। बता दें कि शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 'संतोषजनक', 101 और 200 'मध्यम', 201 और 300 'खराब', 301 और 400 'बहुत खराब' और 401 और 500 'गंभीर' माना जाता है।
Uttar Pradesh | Air quality dips in the Delhi-NCR; visuals from Noida where the AQI is 392, in the 'very poor' category this morning. pic.twitter.com/UgBhF8TR9U
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 29, 2022
राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता 24 अक्टूबर को खराब होने लगी थी और एक्यूआई 'खराब' से 'बहुत खराब' श्रेणी में आ गया था। दिवाली के एक दिन बाद 25 अक्टूबर को दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 312 था, जो सात साल में दिवाली के दिन के लिए दूसरा सबसे अच्छा था। इससे पहले, शहर ने 2018 में दिवाली पर 281 का एक्यूआई दर्ज किया था।
दिल्ली में खराब एक्यूआई के कारण
औद्योगिक उत्सर्जन
वाहन उत्सर्जन
निर्माण कार्य
आस-पास के राज्यों में पराली जलाना
दिवाली की आतिशबाजी
पराली जलाना है मुख्य चिंता
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के अनुसार, दिल्ली में 46 फीसदी वायु प्रदूषण सर्दियों के महीनों में पराली जलाने का परिणाम है। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से दिल्ली की परेशानी और बढ़ गई है। पंजाब सरकार के प्रयासों के बावजूद इस साल भी पराली जलाने का सिलसिला हमेशा की तरह जारी रहा।
इस साल, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर नज़र रखने के लिए एक विशेष कार्यबल बनाने सहित प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं। दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध का प्रभावी क्रियान्वयन भी देखा गया। दिल्ली पुलिस ने सहायक पुलिस आयुक्त के तहत 210 टीमों का गठन किया है, जबकि राजस्व विभाग ने 165 टीमों का गठन किया है और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 33 टीमों का गठन किया है.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने भी राजधानी में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू किया है।
चार चरणों की कार्य योजना में वायु प्रदूषण का मुकाबला करने के लिए कई कदम शामिल हैं, जिसमें निर्माण गतिविधियों को रोकना, डीजल जनरेटर के उपयोग पर रोक लगाना, निजी परिवहन के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाना, आवश्यक सेवाओं को छोड़कर दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगाना शामिल है।