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अरविंद केजरीवाल जी ईमानदार नहीं बल्कि भारत के सबसे बड़े पाखंडी नेता हैं
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता और सुप्रीमकोर्ट के वकील अश्वनी उपाध्याय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दुनिया कस सबसे बडा ईमानदार नहीं बल्कि भारत के सबसे बड़े पाखंडी नेता हैं.
सत्ता मिलने से पहले तक अरविंद केजरीवाल जी भ्रष्टाचार मुक्त भारत की बात करते थे लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद कभी भी उन्होंने घूसखोरों, कमीशनखोरों, जमाखोरों, मुनाफाखोरों, मिलावटखोरों, टैक्सचोरों, कालेकुबेरों, मानव तस्करों, नशा तस्करों, कालाबाजारियों, घटतौलियों, फरेबियों, मुन्नाभाइयों, हवालाबाजों, कबूतरबाजों, धोखेबाजों, जालसाजों, नक्कालों और भगोड़ों की 100% संपत्ति जब्त करने और उन्हें सश्रम आजीवन कारावास देने की मांग नहीं किया जबकि वे चाहते तो इसके लिए विधानसभा में प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भी भेज सकते थे.
माफियाओं से लड़ने का दावा करने वाले अरविंद केजरीवाल जी मुख्यमंत्री बनने के बाद से भूमाफियाओं, गोल्ड माफियाओं, ट्रांसफर पोस्टिंग माफियाओं, खनन माफियाओं, राशन और मंडी माफियाओं, ड्रग और शराब माफियाओं, दवा और हॉस्पिटल माफियाओं, स्कूल और कोचिंग माफियाओं, सड़क और टेंडर माफियाओं तथा हवाला और सट्टा माफियाओं की 100% संपत्ति जब्त करने और आजीवन कारावास देने पर मौन हैं जबकि वे चाहते तो इसके लिए भी विधानसभा में प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भी भेज सकते थे.
केजरीवाल जी माओवादियों, नक्सलियों, अलगाववादियों, कट्टरपंथियों, जेहादियों, चर्च माफियाओं, धर्मांतरण और घुसपैठ माफियाओं, मजार और दरगाह माफियाओं, जासूसों, गद्दारों, पत्थरबाजों तथा कालाजादू और अंधविश्वास फैलाने वालों की 100% संपत्ति जब्त करने और आजीवन कारावास देने पर भी पूर्णतः मौन हैं.
सत्ता मिलने से पहले केजरीवाल जी व्यवस्था परिवर्तन की बात करते थे लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद से वे टैक्स रिफार्म, लेबर रिफार्म, लीगल रिफार्म, पुलिस रिफार्म, इलेक्शन रिफॉर्म, एजुकेशन रिफार्म, हेल्थकेयर रिफार्म, इंडस्ट्रियल रिफार्म, डेमोक्रेटिक रिफार्म, जुडिशियल रिफार्म, एग्रीकल्चर रिफार्म, एडमिनिस्ट्रेटिव रिफार्म और कांस्टीट्यूशनल रिफार्म पर पूर्णतः मौन हैं, जबकि वे चाहते तो इसके लिए विधानसभा में प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भी भेज सकते थे.
सत्ता मिलने से पहले तक समता समानता सामाजिक समरसता और समान अवसर की बात करने वाले अरविंद केजरीवाल जी अब समान शिक्षा, समान चिकित्सा और समान नागरिक संहिता की बात नहीं करते हैं। छोटी छोटी बात पर ट्वीट करने वाले केजरीवाल जी घुसपैठ नियंत्रण कट्टरवाद नियंत्रण धर्मांतरण नियंत्रण जनसंख्या नियंत्रण नशा-शराब नियंत्रण अंधिविश्वास नियंत्रण और अलगाववाद नियंत्रण कानून पर मौन रहते हैं.
सत्ता मिलने से पहले केजरीवाल जी भी कहते थे भारत की 50% समस्याओं का मूल कारण भ्रष्टाचार है और यदि 100₹ से बड़े नोट और 5,000 से महंगे सामान का कैश लेनदेन बंद कर 50,000₹ से महंगी संपत्ति को आधार से लिंक किया जाए तथा कालाधन-बेनामी संपत्ति 100% जब्त कर आय से अधिक संपत्ति वालों को आजीवन कारावास दिया जाए तो भारत की 50% समस्याएं समाप्त हो जाएंगी लेकिन अब वे इस विषय पर बात भी नहीं करना चाहते हैं.
सत्ता मिलने के बाद से केजरीवाल जी भ्रष्टाचार, अपराध, जातिवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद, संप्रदायवाद, माओवाद, नक्सलवाद, कट्टरवाद, अलगाववाद, आतंकवाद, धर्मांतरण, घुसपैठ, जनसंख्या विस्फोट, कालाजादू और अंधविश्वास के खिलाफ कठोर कानून बनाने पर बिलकुल मौन हैं। सत्ता मिलने से पहले नशाबंदी और शराबबंदी की बात करने वाले केजरीवाल जी ने मुख्यमंत्री बनते ही दिल्ली को मयखाना बना दिया इसलिए वे सेक्युलर, समाजवादी, वामपंथी या ईमानदार देशभक्त नहीं बल्कि देश के सबसे बड़े पाखंडी हैं.