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केजरीवाल ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, कहा- दिल्ली को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री का आशीर्वाद चाहता हूं
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल रविवार को लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. केजरीवाल ने आज दोपहर 12.15 बजे शपथ ग्रहण ली. उनके साथ 6 विधायक ने भी मंत्री पद की शपथ ली. आम आदमी पार्टी ने शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छोड़कर किसी अन्य नेता को न्योता नहीं दिया। हालांकि, बनारस दौरे के चलते मोदी इसमें शामिल नहीं हो पाए। केजरीवाल ने अपने भाषण में इसका जिक्र भी किया।
'यह मेरी नहीं, लोगों की जीत'
शपथ लेने के बाद केजरीवाल ने कहा, ''आज आपके बेटे ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। ये मेरी नहीं आप लोगों की जीत है। हर दिल्लीवाले की जीत है। हर मां-बहन की जीत है। पिछले 5 सालों में हमारी कोशिश रही है कि दिल्ली के हर परिवार की जिंदगी में खुशहाली ला सकें। दिल्ली का तेजी के साथ विकास हो और अगले 5 साल भी यही कोशिश जारी रहेगी। चुनाव में कुछ लोगों ने आप, भाजपा और कांग्रेस को वोट दिया। लेकिन मैंने आज शपथ ली है तो सबका मुख्यमंत्री हूं। मैं भाजपा और कांग्रेस वालों का भी सीएम हूं। 5 साल में कभी किसी के साथ सौतेला व्यवहार नहीं किया।''
''दिल्ली के दो करोड़ परिवारों से कहना चाहता हूं कि चुनाव अब खत्म हुआ। सभी 2 करोड़ लोग मेरे परिवार का हिस्सा हैं। बिना हिचक मेरे पास आ जाना, सबका काम करूंगा। चाहे किसी भी धर्म या जाति के हो। मैं सबके साथ मिलकर काम करना चाहता हूं। चुनाव में विरोधियों ने जो कहा मैंने सबको माफ कर दिया है। जो उठापटक हुई सब भूल जाओ। केंद्र के साथ मिलकर काम करेंगे। प्रधानमंत्री को भी शपथ ग्रहण का न्योता भेजा था। वे शायद व्यस्त हैं, इसलिए आ नहीं पाए। दिल्ली को आने बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री का भी आशीर्वाद चाहता हूं।''
मनीष सिसोदिया ने ली मंत्रिपद की शपथ
Delhi: Manish Sisodia takes oath as a Minister in Delhi Govt https://t.co/7IrsvrZXoG pic.twitter.com/f1wk6AawCu
— ANI (@ANI) February 16, 2020
तीसरे नंबर पर सत्येंद्र जैन ने ली मंत्री पद की शपथ
गोपाल राय ने ली मंत्री पद की शपथ। वह दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री रहे हैं। बोले - आजादी के शहीदों की शपथ लेता हूं।
कैलाश गहलोत पांचवें नंबर पर मंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। सीएम समेत सभी मंत्री हिंदी में शपथ ग्रहण कर रहे हैं।
Gopal Rai, Kailash Gahlot and Imran Hussain take oath as Ministers in Delhi Government pic.twitter.com/T5O6Yyerb7
— ANI (@ANI) February 16, 2020
इमरान हुसैन ने दिल्ली के मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ली। पहले अल्लाह और फिर ईश्वर की ली शपथ।
अंत में राजेंद्र पाल गौतम ने मंत्रिपद की शपथ ली।
शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद हैं AAP सांसद भगवंत मान, बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता
AAP MP Bhagwant Mann, BJP MLA Vijender Gupta and other leaders at Arvind Kejriwal's swearing-in ceremony pic.twitter.com/tId9ysWkub
— ANI (@ANI) February 16, 2020
केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेंद्र पाल गौतम मंत्री पद की शपथ लेंगे. शपथ समारोह के मंच पर दिल्ली को संवारने में योगदान देने वाले 50 विशेष अतिथि भी रहेंगे. इनमें डॉक्टर, टीचर्स, बाइक ऐम्बुलेंस राइडर्स, सफाई कर्मचारी, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स, बस मार्शल, ऑटो ड्राइवर आदि हैं.
एक निगाह डालते हैं इन सुपर 50 मेहमानों पर...
सुपर 50 में ये हैं शामिल
मन्नी देवी: पति गुजारीलाल एक हादसे में शहीद हो गए. सरकार ने 1 करोड़ रुपये दिए, ताकि बेटे की देखभाल कर सकें.
शबीना नाज: 3 साल पहले शेल्टर होम के पास एक बच्चा मिला. मां-बाप नहीं मिले. अब वो खुद हर महीने उस बच्चे से मिलती हैं, जहां बच्चा रहता है.
लाजवंती: 9 साल से सफाई कर्मचारी हैं. शहर को साफ रखने के काम को लाजवंती गॉड गिफ्ट मानती हैं.
गीता देवी: बस मार्शल बनकर लोगों को सुरक्षा दे रही हैं. 23 अक्टूबर 2019 में पॉकेटमार को मोबाइल चुराते देखा और बहादुरी दिखाते हुए पकड़ लिया.
सुंदरलाल: बस कंडक्टर हैं. इस बात के गवाह कि पिछले सालों में दिल्ली में कैसे ट्रांसपोर्ट में सुधार हुआ.
डॉ. बृजेश कुमार: श्री दादा देव मैत्री और शिशु चिकित्सालय में मेंडिकल सुप्रीटेंडेंट हैं. उन्हें कई अवॉर्ड मिल चुके हैं.
युधिष्ठिर राठी: बाइक ऐम्बुलेंस के जरिए फर्स्ट एड देते हैं. किसी की जान बचाना ही वह जिंदगी का अचीवमेंट मानते हैं.
मीनाक्षी: पति पुलिस अफसर थे. ड्यूटी के दौरान पिछले साल मौत हुई. बताती हैं कि शहीदों के लिए फंड बेहद सराहनीय है.
सुमन: 2017 में सिलेंडर ब्लास्ट हुआ. फायर फाइटर हरिओम गहलोत ने 10 लोगों को बचाया, अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी. शहीद की पत्नी सुमन को सरकार ने एक करोड़ रुपये दिए.
गजराज सिंह: 20 साल से बस कंडक्टर का काम कर रहे हैं. जब उन्हें निमंत्रण मिला तो पहले लगा कोई फोन कर बेवकूफ बना रहा है, लेकिन बहुत खुश हैं और परिवार के साथ समोराह में जाएंगे.
निधि गुप्ता: मेट्रो पायलट हैं. सूझबूझ से सही समय पर ब्रेक लगाया और लड़की की जान बच गई.
डॉ. सीएस वर्मा: हैपीनेस करिकुलम के कमिटी के कोर मेंबर में हैं. 2013 में उन्हें बेस्ट टीचर का अवॉर्ड भी मिला था.
शंकर सिंह: सॉफ्टवेयर इंजिनियर हैं. 2019 में वृक्षित फाउंडेशन की स्थापना की. लोगों को साफ-सफाई और पर्यावरण बचाने को लेकर जागरूक करते हैं.
राहुल वर्मा: कॉम्प्लिकेशंस के साथ बेटे का जन्म था. एक साल में 11 बार उसका ऑपरेशन करना पड़ा था. उदय फाउंडेशन की स्थापना की, जिससे हर तबके के लोगों को हेल्थ सुविधाएं मिल सकें.
रतन जमशेद बाटलीबोई: बांद्रा वर्ली सी लिंक प्रोजेक्टसे जुड़े रहे हैं। सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण में अहम भूमिका रही है।
विजय सागर: 15 साल से कंस्ट्रक्शन वर्कर हैं. दिल्ली के इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में योगदान दे रहे हैं.
कृष्णा जुरेल: 10 साल पहले वह सीसीटीवी इंस्टॉलेशन के बिजनस में आए. सीसीटीवी प्रोजेक्ट में सुपरवाइजर बतौर पर काम किया.
प्रमोद कुमार महतो: जनकपुरी और विकासपुरी में दिल्ली के सरकार के स्कूलों के निर्माण काम में लगे हैं.
योगेश दुआ: रामा रोड, करमपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में एक फैक्ट्री शुरू की. तब से इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में उनकी कंपनी एक जानामाना नाम है.
नवनीत कालरा दयाल: 'दयाल ऑप्टिकल्स' के प्रमुख हैं. वह खान चाचा और टाउन हॉल जैसे फेमस रेस्तरां भी चलाते हैं. उनका मानना है कि दूसरे दिल्ली में व्यापार करना आसान हो रहा है.
मुरारी झा: आरके पुरम के सर्वोदय स्कूल में टीचर हैं. 2017 में स्पेशल अवॉर्ड भी मिला था. एजुकेशन मॉडल को बेहतर बनाने के लिए उन्हें 2018 में फुलब्राइट टीचिंग स्कॉलरशिप भी मिली थी.
सुरेश व्यास: हजारों डांस शो कर चुके हैं. बताते हैं कि विधायक के कोटे से कलाकारों को फायदा हुआ है.
ख्याति गुप्ता: 181 हेल्पलाइन के लिए काम करती हैं. उनकी वजह से महिलाओं को मदद मिलती है तो खुश होती हैं.
गीता देवी: आंगनवाड़ी वर्कर गीता के मुताबिक 5 साल में बड़े बदलाव हुए हैं. महिलाओं के लिए काम किया है.
अनिल: डोरस्टेप डिलिवरी सुपरवाइजर अनिल बताते हैं कि इस स्कीम से कैसे लोगों की जिंदगी आसान हुई है.
चरण सिंह: यमुना किनारे खेती करते हैं. मानते हैं कि यमुना भी साफ हो जाएगी.
अरुण जुनेजा: पीएनबी से रिटायर्ड हुए. प्रिंसिपल हैं. बैंकिंग एक्सपर्ट के नाते स्टूडेंट्स को जागरुक कर रहे हैं.
डॉ. उत्कर्ष: रानीबाग स्थित पॉलिक्लिनिक का कार्यभार संभाल रहे हैं. कई प्रोजेक्ट पर काम किया है.
रीना: पति सिक्यॉरिटी गार्ड हैं. साल 2017 से आशा वर्कर हैं. कई काम किए हैं.
मीना कुमारी: महिला आयोग के कई रेस्क्यू ऑपरेशन में योगदान रहा है.
अजीत कुमार: 12वीं के बाद आईटीआई कोर्स पूरा नहीं कर सके, क्योंकि पिता का अचानक निधन हो गया था.
लक्ष्मण चौधरी: पिछले 15 सालों से ऑटो चला रहे हैं. ऑटो ड्राइवर्स को लिगल राइट्स को लेकर जागरुक कर रहे हैं.
प्रिजिथ रेख: केरल से हैं. इंजीनियर रहते हुए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट जैसे कई प्रोजेक्ट पर बखूबी काम कर रहे हैं.
नजमा: आशा वर्कर हैं. आगनबाड़ी स्कीम को लेकर जागरुक कर रही हैं.
शशि शर्मा: महिलाओं को हेल्थ को लेकर जागरुक कर रही हैं. डिलिवरी पेशंट पर सबसे अधिक फोकस रहता है.
पारितोष जोशी: दिल्ली ट्रांस्को में हैं, बुनियादी ढांचे के लिए काम किया है.
विजय कुमार: आईआईटी दिल्ली में पढ़ रहे विजय को जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना से मदद मिली.
शशि: पिछले साल नीट की परीक्षा पास की थी. वह भी जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना की लाभार्थी हैं.
सुमित नागल: इंटरनेशनल टेनिस प्लेयर सुमित 12वीं के स्टूडेंट हैं और पहली से 10वीं तक पढ़े हैं. दिल्ली सरकार की योजना से भी सुमित को मदद मिली.
लक्ष्मीकांत शर्मा: 20 साल तक भारतीय वायु सेना में सेवा देने के बाद लक्ष्मी कांत शर्मा सर्वोदय कन्या विद्यालय में एस्टेट मैनेजर हैं. स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर और मेंटनेंस की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
सोनू गौतम: उनकी संस्था भाईचारा फाउंडेशन ब्लड डोनेशन से लेकर स्टूडेंट्स को स्टडी मटीरियल देती है. फरिश्ते स्कीम में कई घायलों को अस्पताल पहुंचाया.
डॉ. अल्का: पहले मोहल्ला क्लिनिक की इंचार्ज हैं. पीरागढ़ी में 10 हजार लोगों की आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं दे रही हैं.
वीके गुप्ता: जल बोर्ड के चीफ इंजीनियर हैं. उपलब्धि अवैध कॉलोनियों में सीवर और पानी की लाइन बिछाना रही है.
ब्रज पाल: पीड्ब्लयूडी के असिस्टेंट इंजीनियर बताते हैं कि 5 साल पहले स्कूलों की हालत खराब थी और अब वे प्राइवेट स्कूलों से मुकाबला कर रहे हैं.
मोहम्मद ताहिर: टेलर हैं. अपने बच्चों के स्कूल सर्वोदय विद्यालय की एसएमसी टीम के वह उपाध्यक्ष हैं. बजट तय करते हैं.
दलबीर सिंह: किसानों का ट्यबवैल पर खर्च घटा. वह कहते हैं कि अब सोलर पैनल पर फोकस करना चाहिए.