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बिपिन रावत ने संभाला देश के पहले CDS का पदभार,ऐसी होगी वर्दी
नई दिल्ली जनरल बिपिन रावत ने देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर पदभार ग्रहण कर लिया है। इससे पहले सेना ने आज रक्षा मंत्रालय (साउथ ब्लॉक) में उनको गार्ड ऑफ आनर दिया। उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम तीनों सेनाओं को एकजुट करने का प्रयास करेंगे। तीनों सेनाएं एक टीम की तरह काम करेंगे। करीब दो दशक से इस पद पर मंथन चल रहा था, अब जाकर सरकार ने इस पद का गठन किया।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को दिए गए कार्य के अनुसार हमें एकीकरण को बढ़ाकर बेहतर संसाधन प्रबंधन करना होगा। सेना राजनीति से दूर रहती है। सेना सरकार के आदेश के तहत काम करती है। तीनों सेनाओं के लिए मेरा व्यवहार एक जैसा होगा।
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पदभार संभालने के बाद बुधवार को बिपिन रावत ने कहा कि CDS का काम तीनों सेनाओं को एकजुट बनाना, हम इसी ओर आगे बढ़ेंगे. अब आगे की कार्रवाई टीम वर्क की जरिए होगी, CDS सिर्फ सहयोग करेगा. 1+1+1 के जोड़ को 3 नहीं, 5 या 7 बनाएंगे. जो भी संसाधन हैं, उसपर काम करते हुए आगे बढ़ेंगे.
उन्होंने कहा कि हमारा पूरा फोकस तीनों सेनाओं को एक साथ करना होगा. इससे अलग जो काम हमें मिलेगा, हम उसपर आगे बढ़ेंगे. अगर सरकार ने तीन साल का कार्यकाल दिया है, तो कुछ सोच समझकर ही दिया होगा।
आपको बता दें कि बिपिन रावत 31 मार्च, 2023 तक सीडीएस रहेंगे. जनरल रावत 16 दिसंबर, 1978 को 11 गोरखा रायफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त हुए थे और एक जनवरी, 2017 से देश की थल सेना के प्रमुख हैं. रक्षा मंत्रालय ने रविवार को थल सेना, नौसेना और वायुसेना के नियमों में संशोधन किया था. संशोधन के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ 65 साल की उम्र तक अपनी सेवाएं देगा.
कैसी होगी सीडीएस की वर्दी
सीडीएस की नई वर्दी तैयार हो गई है। वर्दी का रंग पहले ही तरह ऑलिव ग्रीन होगा लेकिन उसमें बैच और अन्य चीजें पूरी तरह से अलग होंगी। एडिशनल डायरेक्टरेट जनरल ऑफ पब्लिक इनफॉरमेशन (एडीजीपीआई) ने मंगलवार को वर्दी पर लगने वाले बैच और दूसरी चीजों की तस्वीर जारी की।
वर्दी पर लगने वाला बटन सुनहरे रंग का होगा जिसपर एक प्रतीक चिन्ह लगा होगा। इसके अलावा पीक कैप, कंधे पर लगने वाला बैच, बेल्ट का बकल और कार पर लगने वाले झंडे की तस्वीर जारी कर दी। कंधे पर लगने वाले बैच पर सुनहरे रंग में अशोक स्तंभ के साथ एक स्टार और एक प्रतीक चिन्ह होगा। सरकार ने रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों का अलग विभाग भी बनाया है।