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उदित राज बोले- कभी बायोडाटा लेकर मेरे घर आए थे रामनाथ कोविंद, चुप रहने का मिला इनाम

Special Coverage News
24 April 2019 2:47 PM IST
उदित राज बोले- कभी बायोडाटा लेकर मेरे घर आए थे रामनाथ कोविंद, चुप रहने का मिला इनाम
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टिकट कटने के बाद उदित राज ने गुरुवार को ही कांग्रेस का हाथ थाम लिया और बीजेपी को दलित विरोधी बताते हुए उसकी जमकर आलोचना की.

नई दिल्ली : दिल्ली की उत्तर पश्चिम सीट से 2014 में चुनाव जीतने वाले उदित राज एक बार फिर इसी सीट से टिकट की उम्मीद कर रहे थे लेकिन बीजेपी ने उनका पत्ता काट मशहूर गायक हंसराज हंस को मौका दिया है. बुधवार को टिकट कटने के बाद उदित राज ने गुरुवार को ही कांग्रेस का हाथ थाम लिया और बीजेपी को दलित विरोधी बताते हुए उसकी जमकर आलोचना की.

लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर कांग्रेस में शामिल होते ही उदित राज ने भारतीय जनता पार्टी पर वार करने के शुरू कर दिए हैं. उदित राज ने दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से जुड़ा एक पुराना किस्सा सुनाते हुए बीजेपी की आलोचना की. उदित राज ने कहा कि बीजेपी चुप रहने वाले दलित नेताओं को पसंद करती है और रामनाथ कोविंद को इसी का इनाम मिला है.

अपना टिकट कटने पर सवाल उठाते हुए उदित राज ने कहा कि बीजेपी टिकट वितरण पर इंटरनल सर्वे का हवाला देती है. पार्टी के इस इंटरनल सर्वे में उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट पर जीत की रिपोर्ट सामने आई, इसके बावजूद मेरा टिकट काटा गया. उदित राज ने आरोप लगाया कि मेरा टिकट इसलिए काटा गया है क्योंकि 2 अप्रैल 2018 को जब दलितों ने कानून कमजोर करने वाले मोदी सरकार के कदम का विरोध करते हुए भारत बंद बुलाया तो मैंने उसका समर्थन किया. उदित राज ने कहा कि अगर मैं ऐसा न करता और चुप रहता तो मेरा टिकट नहीं काटा जाता.

उदित राज ने दावा किया कि बीजेपी व आरएसएस में खामोश रहने पर इनाम मिलता है. उन्होंने रामनाथ कोविंद का उदाहरण देते हुए अपनी बात को रखा. उदित राज ने कहा, '20 मई 2014 को रामनाथ कोविंद अपना बायोडाटा लेकर मेरे पास आए. विवेक सोनकर इसके चश्मदीद हैं. कोविंद जी ने मुझसे कहा कि भाईसाहब मेरा भी कुछ कराइए. क्योंकि बीजेपी ने रामनाथ कोविंद को 2014 में टिकट के लायक भी नहीं समझा था जबकि वो टिकट चाह रहे थे. लेकिन वो चुप रहे और उसका इनाम आपने देख लिया'.

उदित राज ने कहा कि अगर मैं भी चुप रहता तो बीजेपी रामनाथ कोविंद की तरह ही मुझे भी कोई इनाम दे देती. उदित राज यहां तक कहा कि अगर मैं शांति से रहता तो शायद मुझे भी कभी पीएम बना देते, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया और दलितों के मुद्दे पर आवाज उठाता रहा.यही वजह रही कि बीजेपी ने मेरा टिकट काट दिया.

उदित राज के पास अब दिल्ली में चुनाव लड़ने का विकल्प नहीं है. ऐसे में उन्होंने अपनी प्लानिंग का भी जिक्र किया. उदित राज ने बताया कि राहुल गांधी से मिलकर मैंने कहा है कि मुझे कुछ नहीं चाहिए, मैं सिर्फ प्रचार करूंगा. दलितों से बीजेपी कितनी नफरत करती है ये मैं ही समझ सकता हूं और अगर दलितों को ये पता लग जाए तो एक भी वोट दलित बीजेपी को न दे.

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