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Candida Auris Fungus: बताया जा रहा है कि इस नई बीमारी की वजह से अमेरिका में मौत के मामले बढ़े हैं साल 2018 में जहां इसके संक्रमण से 1010 लोग मरे थे वहीं 2021 में इनकी संख्या बढ़कर अट्ठारह सौ हो गई.
US News: मार्च 2023 में आखिर में अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्रों में तेजी से फैलते हुए कैंडिडा औरिस नामक फंगस को लेकर चेतावनी दी है जिसकी वजह से देश के अस्पतालों में काफी मरीज संक्रमित हो गए हैं और उनकी मौत हो रही है।अमेरिका में इस फंगस होने वाले संक्रमण में अब तेजी से वृद्धि हो रही है।आपको बता दें कि कैंडिडा औरिस की पहचान हाल ही में एक फंगस के रूप में हुई है और यह मनुष्य को संक्रमित कर सकता है और संघर्ष रोधी दवाओं के प्रति मध्यम रूप से प्रतिरोधी है। यह अन्य फंगस की तुलना में काफी खतरनाक है। यह एक प्रकार का 'यीस्ट' है जिसकी सबसे पहले पहचान 2009 में हुई थी और यह कैंडिडा परिवार की तरह प्रजातियों में से एक है जो लोगों को संक्रमित करता है।
स्वस्थ लोगों को कैंडिडा के संक्रमण से चिंतित होने की जरूरत नहीं है लेकिन जिन्हें पहले से बीमारियां लगी हुई है उन पर यह जल्दी फैलता है। हाल के वर्षों में अमेरिका में फंगस, विशेष तौर पर कैंडिडा औरिस से संक्रमण के मामले बढ़े हैं. सीडीसी के अनुसार वर्ष 2013 से 2016 के बीच इसके कुछ मामले सामने आए लेकिन 2017 में इसके मामले तेजी से बढ़े और 2022 में इसके 2,377 मामले दर्ज किये गए.
कैंडिडा औरिस के संक्रमण से मौत के मामले भी बढ़े हैं. 2018 में जहां इसके संक्रमण से 1,010 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 2021 में यह संख्या बढ़कर 1,800 हो गई.
इस वृद्धि के कारण जटिल हैं, वेस्ट वर्जीनिया विश्वविद्यालय में संक्रामक रोग के प्रोफेसर एवं फिजिशियन (चिकित्सक) आरिफ आर. सरवरी के अनुसार इसके दो मुख्य कारण हो सकते हैं: पहला अस्पतालों में बीमार रोगियों के भर्ती होने की संख्या में इजाफा और स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव बढ़ना, दोनों ही कोविड-19 महामारी के दौरान बदतर हो गए थे.
डॉक्टरों के अनुसार इससे बचाव के कुछ उपाय भी हैं इसके लिए आपको सबसे पहले जब भी किसी मरीज से मिलने जाए तो अपने हाथों को पहले और बाद में अच्छी तरीके से धोए। मरीज से मिलने के दौरान पहने गए वस्त्रों और gloves को नष्ट कर देना चाहिए. दूसरा विकल्प है कि कैंडिडा के नए, एंटीफंगल-प्रतिरोधी स्वरूपों के इलाज के लिए बेहतर दवाएं विकसित की जाएं. हालांकि कई नई एंटिफंगल दवाओं के विकास पर काम जारी है.