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हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या के आरोप में 17 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दर्ज
नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आज 4 मामलों में कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दायर की. इनमें सबसे अहम है दंगों के दौरान हेड कांस्टेबल रतन लाल की गोली मारकर की गई हत्या का मामला. 24 फरवरी को हिंसक भीड़ ने चांदबाग इलाके में मेन वजीराबाद रोड पर मौजूद पुलिस टीम पर अचानक हमला कर दिया. दरअसल, इसी जगह CAA के खिलाफ प्रदर्शन भी चल रहा था.
हिंसक भीड़ में मौजूद दंगाइयों ने न सिर्फ पुलिस टीम पर पथराव किया था, बल्कि गोलियां भी चलाई थीं. जिनमें से एक गोली रतनलाल को भी लगी थी. इस हमले में डीसीपी शाहदरा अमित शर्मा और एसीपी गोकलपुरी अनुज कुमार समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनके खिलाफ आज चार्जशीट दाखिल की गई है.
दिल्ली हिंसा में गोली लगने से एक शाहिद नाम के शख्स की भी मौत हुई थी. जिसमें 6 लोगों की गिरफ्तारी की गई थी जिनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गईं.
इसी तरह 25 फरवरी को नार्थ घोंडा के सुभाष मोहल्ला इलाके में CAA के पक्ष में नारे लगाते हुए अचानक भीड़ आयी और वहां मौजूद लोगों पर पथराव और गोलियां चलानी शुरू कर दी. इस हिंसा में घर के मेन गेट पर खड़े मारूफ और शमशाद को गोलियां लगीं. मारूफ के सिर में गोली लगी जबकि शमशाद के पेट में. मारूफ ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था. इस मामले में भी पुलिस ने 6 आरोपियों की गिरफ्तारी की थी, जिनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई.
चौथी चार्जशीट दयालपुर इलाके में अजय गोस्वामी नाम के शख्स पर चलाई गई गोलियों के मामले में की गई है. अजय गोस्वामी आप पार्टी पाषर्द ताहिर हुसैन के घर के सामने गोली लगने से जख्मी हुआ था, जिसको लेकर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया था.
जिस वक्त अजय गोस्वामी के बयान दर्ज किए गए थे उस समय पीड़ित हमलावर के रूप में गुलफाम और तनवीर का नाम लिया था. जांच में पता चला था कि इन दोनों ने ताहिर हुसैन के घर की छत से अपने साथियों के साथ मिलकर गोलियां चलाई थीं. इस केस में 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमे गुलफाम और तनवीर के अलावा ताहिर हुसैन और उसके छोटे भाई शाह आलम को भी गिरफ्तार किया गया था. गोली गुलफाम ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से चलाई थीं.
ताहिर हुसैन के खिलाफ एक और चार्जशीट दर्ज
जांच में सामने आया कि गुलफाम एन्टी CAA प्रोटेस्ट में काफी सक्रिय था. जनवरी के महीने में ताहिर हुसैन ने उसे दिल्ली में बड़े दंगो के लिए तैयार रहने के लिए कहा था. ताहिर हुसैन ने गुलफाम को असला खरीदने के लिए 15 हजार रुपये भी दिए थे. 31 जनवरी को गुलफाम ने 100 राउंड गोलियां भी खरीदी थीं. गुलफाम में पहले से ही 100 गोलियां अपने पास इक्कठा की हुई थी, जिससे जाहिर है कि दंगों की तैयारी पहले से थी. दंगों के दौरान गुलफाम ने अपने पास मौजूद 200 के करीब गोलियां चलाई थीं. उसके पास से 200 में से सिर्फ 7 जिंदा कारतूस ही बरामद हुए. बड़े दंगो की तैयारी, गोलियों की खरीद और ताहिर हुसैन की छत से हुई भारी फायरिंग ये बताती है कि दंगों के पीछे गहरी साजिश थी. ताहिर हुसैन के खिलाफ इससे पहले भी 2 चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं.