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China Artificial Sun New World Record: चीन ने आर्टिफिशियल सूरज को लेकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है। चीन ने इस सफलता से दुनिया के अन्य देशों अब चिंता जताई है ।इसके साथ ही बीजिंग के इंजीनियरिंग ने अपनी अगली पीढ़ी में प्रथम सूरज का डिजाइन तैयार कर लिया है, जो 2035 तक परिचालन में आएगा
Chinese artificial sun sustains plasma: जी ने अगली पीढ़ी का आर्टिफिशियल सूरज बनाने की दिशा में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है चीन ने अपने नए न्यूक्लियर फ्यूजन एक्सपेरिमेंट में नया इतिहास रच दिया है. चीन के एक्सपेरिमेंटल एडवांस्ड सुपरकंडक्टिंग टोकामक (EAST) में हाल ही में हुआ एक प्लाज्मा ऑपरेशन करीब 7 मिनट तक यानी 403 सेकंड के लिए चला. ऐसा होते ही चीनी वैज्ञानिकों ने 2017 में बनाए गए 101 सेकंड के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. इस नए प्लाज्मा ऑपरेशन के दौरान अपार ऊर्जा पैदा हुई. जिसके आंकड़े को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों का मानना है कि यह एक बड़ी सफलता है.
डॉयरेक्टर का बयान
चाइनीस एकेडमी ऑफ साइंस के अनुसार काम करने वाले इंस्टीट्यूट ऑफ प्लाज्मा फिजिक्स के डायरेक्टर सोंग यूंटाओ के मुताबिक उनकी टीम द्वारा किए गए इस काम ने भविष्य के फ्यूजन रिएक्टरों की तकनीकी और आर्थिक व्यवहार्यता में सुधार के लिए एक ठोस नींव रखी है. सॉन्ग यह भी बताते हैं की इस नई कामयाबी की वजह इसके हाई कन्फेक्शन मोड है जिसमें यह रिकॉर्ड मौलिक भौतिकी अनुसंधान fundamental physics research), फ्यूजन इंजीनियरिंग और परियोजना संचालन और रखरखाव के मामले में हमारी टीम के लिए एक बड़ा कदम है.
आखिर इस प्रोजेक्ट के वजह से क्यों दुनिया आई टेंशन में चीन के आर्टिफिशियल सूरज एक तरह का इंस्टॉलेशन है जो प्लाज्मा में हाइड्रोजन आइसोटोप को उबालने के लिए हाई टेंपरेचर का यूज करता है यह एनर्जी को रिलीज करने में मदद भी करता है भविष्य में इसके सफल इस्तेमाल से लगभग 0 रेडियो एक्टिव कचरा पैदा होगा इंस्टीट्यूट ऑफ प्लाज्मा फिजिक्स की टीम के मुताबिक बहुत जल्द होने पर काम करना भी शुरू कर देंगे इसके निर्माण में और 10 साल लगने वाले हैं उसके बनने के बाद बिजली जनरेटर का निर्माण किया जाएगा और करीब 2035 तक बिजली पैदा कर ली जाएगी।चीन के हाथ लगी इस अपार ऊर्जा से दुनिया के वैज्ञानिक टेंशन में आ गए हैं. क्योंकि इस कामयाबी से ड्रैगन को 'असीमित ऊर्जा' मिल जाएगी
अगली पीढ़ी का 'आर्टिफिशियल सूर्य' विकसित कर रहा चीन
आपको बताते चलें कि चीन ने अपनी अगली पीढ़ी के आर्टिफिशियल सूर्य का डिजाइन पहले ही तैयार कर लिया है जो 2035 तक काम करना शुरू कर देगा. चीनी वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि उनकी ये प्रौद्योगिकी मानवता को बड़ी मात्रा में ऊर्जा का उपयोग करने और ऊर्जा संकट से लड़ने में मदद कर सकती है.चीन के वैज्ञानिक 2006 से ऐसे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. चीनी रिएक्टर में अब तक 120000 से अधिक प्रयोग पूरे हो चुके हैं. इससे पहले 2018 में, एक और रिकॉर्ड तोड़ते हुए, इस रिएक्टर ने करीब 18 मिनट तक प्लाज्मा को रोकने में कामयाबी हासिल की थी और तब इसका तापमान 70 मिलियन डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया था.