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चित्रा त्रिपाठी ने दिया योगेंद्र यादव को जबाब, बताया आप तो ट्रोलजीवी हो और ये इतिहास पढ़ लीजिए
आज तक की डिबेट में जब चित्रा त्रिपाठी ने डिबेट में मौजूद राजनैतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव से सवाल किये तो योगेंद्र यादव ने जबाब भी दिए। इसके बाद योगेंद्र यादव ने वीडियो शेयर करते हुए मैने पूछ ही लिया कि "आज तक" बार बार उस युग को क्यों याद कर रहा है जब अधिकांश मुख्य मंत्री और एक चौथाई सांसद ब्राह्मण होते थे? कहीं इसके पीछे कोई पीड़ा तो नहीं? या उस अतीत का मोह? जाहिर है सवाल मेरी ही नीयत पर उठाए गए! बस फिर क्या था चित्रा त्रिपाठी ने उनको जमकर उनके बारे में लिख दिया।
चित्रा ने लिखा आपने शुरु किया है तो मैं अंत कर देती हूँ. इसके बाद आप ट्वीट और टैग करते रहियेगा. कई बार इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है कि- फ़लाँ पढ़ा लिखा “जाहिल” है. वैसे ये मैं आपको नहीं बोल रही हूँ. मुझे ये तब तक नहीं लगता था जब तक आप एक्सपोज़ नहीं हो गए.
आपका इतिहास-
*अन्ना के आंदोलन में “कांग्रेस” को गाली.
*अरविंद से झगड़े के बाद उनको गाली.
*मौजूदा वक्त में गरीब और पिछड़े समाज से आने वाले “मोदी”जी को गाली.
*फिर राहुल जी की भारत जोड़ो यात्रा में जाकर
उसके बाद TV पर आकर उसी “कांग्रेस” पार्टी की “पहली सरकार” को गाली.
*उसी डिबेट शो में पहली विधानसभा से चुने हुए अलग-अलग राज्यों के कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों को गाली.
आपने नेहरु-आम्बेडकर-पटेल की पहली बनाई सरकार पर टिप्पणी की. जिसको कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए.मैंने भी वही किया.
थोड़ा सा इतिहास का रिफ्रेंस क्या दे दिया मैंने- आपतो #ट्रोलजीवी बन गए.
इससे पहले योगेंद्र यादव ने चित्रा को लिखा अरे,आप तो सड़क छाप गाली गलौज पर उतर आयीं! सवाल का जवाब आरोप और जन्मपत्री से वही लोग देते हैं जिनके पास तर्क न बचे हों। अगर यूरोप अमरीका के टीवी पर इस तरह की बात कही जाती ऐसे "white supremacism" के लिए एंकर ही नहीं पूरी चैनल को माफ़ी मांगनी पड़ती।
खैर, कुछ और सवाल व एक प्रस्ताव:
१. क्या आज तक और इंडिया टुडे का एग्जिट पोल यह नहीं दिखाता कि कर्नाटक में कांग्रेस को पिछड़ों के वोट में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई? फिर कांग्रेस की जीत को पिछड़ी जातियों के समीकरण से जोड़ने की उतावली क्यों? आखिर यह मानने से परहेज क्यों हैं कि बीजेपी अपने निकम्मेपन और भ्रष्टाचार के कारण हारी?
२. अगर यह विश्लेषण करना भी था तो कर्नाटक के सन्दर्भ में यह उद्घोष क्यों जरूरी था कि एक जमाने में देश में १३ ब्राह्मण मुख्यमंत्री और एक चौथाई ब्राह्मण सांसद थे?
३. आपने शो में कांग्रेस की प्रवक्ता के बार-बार यह सही सवाल पूछा कि उनकी सरकार ने 2011 के सर्वे की रिपोर्ट जारी क्यों नहीं की। लेकिन मेरे दो बार याद दिलाने के बाद भी बीजेपी के प्रवक्ता से यह क्यों नहीं पूछा कि उन्होंने 2010 में जाति जनगणना और 2018 में ओबीसी जनगणना का समर्थन क्यों किया था?
४. मैंने आपका कौनसा सवाल काटा है? "आज तक" ने जो क्लिपिंग जारी की, बस उसे फॉरवर्ड किया है। इतना झूठा आरोप क्यों?
५. अगर आप मेरे बारे में यह राय रखती हैं तो शो में मुझे "वरिष्ठ", "पढ़ा-लिखा" और "आदरणीय" वगैरा क्यों बता रही थीं? आप शो में झूठ बोलती हैं?
मुझे विश्वास है कि इन सब सवालों पर 'आज तक' में मुझसे चर्चा करने का समय निकलेंगी। मुझे इंतज़ार रहेगा।
इस बार योगेंद्र यादव ने यह बात लिखकर चित्रा त्रिपाठी के साथ साथ आज तक और अरुण पूरी को भी टेग की है।
फिलहाल इस लड़ाई में दोनों को ट्रौल किया जा रहा है दोनों समझदार व्यक्तियों पर कीचण उछला जा रहा है।