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कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल और गुरजीत सिंह औजला कृषि कानूनों के विरोध में काले कपड़े पहनकर संसद भवन पहुंचे
देश की निगाहें बजट 2021-22 पर हैं जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को संसद में पेश कर रही हैं। बजट ऐसे समय में आ रहा है जब भारत कोरोनावायरस महामारी से जूझ रहा है और अर्थव्यवस्था लॉकडाउन के चलते चरमरा गई है। हालांकि, कोरोना काल के पहले भी अर्थव्यवस्था की हालत बहुत अच्छी नहीं थी। पिछले साल 2019 में ऑटोसेक्टर मंदी से जूझ रहा था। इधर, कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल और गुरजीत सिंह औजला कृषि कानूनों के विरोध में काले कपड़े पहनकर संसद भवन पहुंचे। जसबीर सिंह गिल ने कहा, "अफसोस की बात है कि पंजाब,हरियाणा और बॉर्डर पर इंटरनेट बंद किया हुआ है और ये डिजिटल इंडिया और डिजिटल बजट की बात करते हैं।"
वहीं, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने ब्रिगेडियर होशियार सिंह, बहादुरगढ़ सिटी, पंडित श्रीराम शर्मा और टिकरी बॉर्डर मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए हैं।
सीतारमण ने सुबह 11 बजे लोकसभा में बजट पेश करना शुरू किया। यह बजट महामारी को देखते हुए तीन-चार आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद आ रहा है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में सीतारमण का तीसरा बजट होगा। परंपरा को तोड़ते हुए, इस साल का बजट पेपरलेस होगा।
शुक्रवार को संसद के संयुक्त सत्र की शुरूआत में मोदी ने यह भी कहा था कि वित्त मंत्री पहले ही 3-4 आर्थिक पैकेज की घोषणा कर चुकी हैं और 2021-22 का बजट एक ऐतिहासिक बजट होगा। उम्मीद की जा रही है कि बजट कृषि, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और एमएसएमई क्षेत्रों में महामारी के बुरे प्रभाव से उबरने में मदद करेगा।
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, सरकार ने सबसे संवेदनशील वर्गों को सहारा देने के लिए, पीएमजीकेवाई, तीन आत्मनिर्भर पैकेज और बाद में की गईं घोषणाएं अपने आप में पांच मिनी बजट के समान थीं। आत्मनिर्भर पैकेजों ने ढांचागत सुधारों की हमारी गति को बढ़ाया।