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कोरोना संक्रमण के कारण दिल्ली में बीते चार दिनों में 97 लोगों की मौत हुई है। इनमें 70 ऐसे थे जिन्होंने कोविड टीके की एक भी डोज नहीं ली थी। जिन 27 लोगों ने कोविड का टीका लगवाया था, उनमें 19 ऐसे थे जिन्होंने सिर्फ एक डोज ही ली थी। राजधानी में बीते कुछ दिनों से संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़ रही है।
बुधवार को दिल्ली में 40 लोगों की मौत हुई, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने नौ से 12 जनवरी के बीच मरने वाले लोगों को लेकर एक अध्ययन किया। बता दें कि अध्ययन में पाया गया कि मरने वालों में से 50 फीसदी लोग ऐसे थे जो किसी न किसी दूसरी बीमारी से ग्रसित थे। उसमें 70 लोग ऐसे थे जिन्होंने कोविड टीके की एक भी डोज नहीं लगवाई थी। पांच दिनों में सात ऐसे लोगों की मौत भी दर्ज की गई है जिनकी उम्र 18 साल से कम थी।
अस्पताल पहुंचने में देरी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने पाया कि लोग अस्पताल पहुंचने में देरी कर रहे हैं। कुल मौतों में करीब 40 फीसदी लोगों की अस्पताल पहुंचने के अगले 48 घंटे के भीतर मौत हो गई। दीपचंद बंधू अस्पताल में एक महिला की मौत के अगले दिन कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी तरह डीडीयू अस्पताल में एक 13 वर्ष के बच्चे की मौत 24 घंटे के अंदर हो गई।
डीडीयू में ही एक महिला को 11 जनवरी को भर्ती कराया गया, उसी दिन उसकी मौत हो गई। बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में एक 10 वर्षीय बच्चे को 10 जनवरी को अस्पताल लाया गया था और उसकी मौत 11 जनवरी को हो गई। दोनों बच्चों के मामले में उन्हें 3-4 दिन से बुखार, कफ, सीने में दर्द के साथ सांस लेने में तकलीफ थी।
ये सावधानी बरतें
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मरने वालों में सबसे ज्यादा दूसरी बीमारी से ग्रसित लोग हैं। इनमें किडनी, हृदय रोग, लीवर, श्वसन तंत्र और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों की संख्या अधिक है। ऐसे लोगों ने कोविड का टीका भी नहीं लगवाया था। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को कहा कि अगर कोई संक्रमित दूसरी बीमारी से ग्रसित है तो उसका इलाज विशेषज्ञ डॉक्टर ही करेगा, जिससे मौतों की संख्या कम की जा सके।