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दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद कश्मीर के अलगावबादी नेता यासीन मलिक पर दिल्ली के एनआईए कोर्ट ने आजीवन उम्रकैद की सजा और दस लाख का जुर्माने की सजा सुनायी है। यासीन मलिक को दो उम्रकैद की सजा, तीन दस-दस साल की सजा सुनायी गयी है। ऐसे में उसको दी गयी कुल सजा 58 वर्ष की हो जाती है। ऐसे में अपनी पूरी जिंदगी यासीन मलिक को अब जेल में ही गुजारनी पड़ेगी। एनआईए के स्पेशल जज प्रवीण सिंह ने यासीन मलिक को सजा सुनाते हुए कहा है कि यासीन मलिक को सुनायी गयी सारी सजा एक साथ चलेगी और उसे ताउम्र जेल में रहना पड़ेगा। यासीन मलिक पर यह फैसला टेरर फंडिंग के मामले में आयी है। इस बीच मलिक पर फैसला आने से पहले कश्मीर के कुछ इलाकों में उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की कोशिश की है। पर सुरक्षाबलों ने उन्हें खदेड़ दिया है। इस दौरान सुरक्षाबलों की ओर से आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए।
आपको बता दें कि एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने 19 मई को मलिक को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपों में दोषी ठहराया था।इससे पहले पटियाला हाउस स्थित विशेष न्यायाधीश ने एनआईए अधिकारियों को उनकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने का निर्देश दिया था, जिससे जुर्माने की राशि निर्धारित की जा सके। बीते 10 मई को मलिक ने अदालत में कहा था कि वह खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का सामना नहीं करना चाहता है। उसने अपना जुर्म कबूल लिया था। मलिक इस वक्त दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है।