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अदालत ने दिल्ली दंगों के 3 आरोपियों को किया आरोप मुक्त, दिल्ली पुलिस की जांच पर उठाए सवाल और की सख़्त टिप्पणियां
नई दिल्ली : पिछले साल दिल्ली में हुए दंगों के मामले में आरोपी तीन लोगों को दिल्ली की निचली कोर्ट ने आरोप मुक्त करार दिया. तीनों आरोपियों को आरोप मुक्त करते हुए अदालत ने दिल्ली पुलिस की जांच पर सवाल भी उठाये और तीखी टिप्पणियां भी की है. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए यहां तक कह दिया कि ऐसा लगता है कि जांच एजेंसी ने सिर्फ केस सुलझाने के नाम के लिए ही अदालत में चार्जशीट दायर कर दी जबकि जांच के दौरान दिल्ली पुलिस ने जिस तरह से जांच होनी चाहिए थी वो की ही नहीं.
दिल्ली दंगे के तीन आरोपियों को आरोप मुक्त करते हुए अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आजादी के बाद से दिल्ली में जो सांप्रदायिक दंगे हुए हैं, ये दंगे उनमें से एक थे. लेकिन ये जांच एजेंसी की नाकामी है कि वह ऐसे मामलों में भी ढंग से जांच नहीं कर पाई ना ही साइंटिफिक तौर से सबूत जुटाने की कोशिश की गई जो निश्चित तौर पर लोकतंत्र के लिए एक पीड़ादायक स्थिति कही जाएगी.
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस तरीके की पड़ताल जांच एजेंसी के द्वारा की गई है, उससे यह साफ होता है कि इस जांच पर वरिष्ठ अधिकारियों की भी कहीं कोई नज़र नहीं थी. ऐसा लगता है कि कोर्ट में जो मामला लाया गया वो सिर्फ खानापूर्ति करने भर के लिए था.
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले में जिन 3 लोगों को आरोपी बनाया गया है उनके बारे में तो एफआईआर में जिक्र है और ना ही कहीं इस बात का जिक्र है कि आखिर इन तीनों आरोपियों का रोल क्या रहा था. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे मामलों के जरिए कोर्ट का वक्त बर्बाद करने नहीं दिया जा सकता जबकि यह साफ दिख रहा है इस मामले में कोई भी पुख्ता सबूत या आधार नहीं है और यह एक तरह से ओपन एंड शट केस है.
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले में जिस तरह से जांच की गई है उससे ना सिर्फ शिकायतकर्ता और आरोपियों को परेशानी हुई है, बल्कि उसके साथ ही कोर्ट का समय और जनता का पैसा भी भी बर्बाद हुआ है.