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निर्भया केस: दोषी विनय ने दया याचिका को सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती अब हो गई खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषी विनय शर्मा की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने दया याचिका को खारिज करने के फैसले को चुनौती दी थी। इस तरह से अब निर्भया के तीन दोषियों के सभी कानूनी विकल्प पूरी तरह से खत्म हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि विनय मनोवैज्ञानिक तौर पर फिट है और उसकी मेडिकल स्थिति स्थिर है।
बतादें कि इससे पहले गुरुवार को इस मामले की सुनवाई हुई थी. इस दौरान कोर्ट ने इस पर अपना निर्णय शुक्रवार दोपहर दो बजे तक के लिए सुरक्षित रखा था. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को निर्देश दिया था कि वो इस केस से जुड़े सभी दस्तावेज सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में जमा करें।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान विनय के वकील एपी सिंह ने कोर्ट में कहा कि उनके मुवक्किल की दया याचिका खारिज करने में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि सामाजिक जांच रिपोर्ट, मेडिकल रिपोर्ट और अपराध में उसकी सीमित भूमिका को ध्यान में रखे बगैर राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका खारिज की गई. उन्होंने कहा कि विनय शर्मा का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. वो कोई आदतन अपराधी नहीं है. वो खेती-बाड़ी करने वाले परिवार से है. मेरी दलीलें कोर्ट के लैंडमार्क जजमेंट पर आधारित हैं. इस पर जस्टिस अशोक भूषण ने उनसे कहा कि आप ये सब बताने की बजाय सीधे-सीधे अपनी अन्य दलीलें और ग्राउंड बताएं।
राष्ट्रपति द्वारा मर्सी पिटिशन खारिज करने को किया था चैलेंजबता दें कि दोषी विनय की ओर से राष्ट्रपति के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करते हुए याचिका दाखिल करते हुए कहा गया था कि पूरी प्रक्रिया का पालन किए बिना उसकी दया याचिका पर हड़बड़ी में फैसला लिया गया है. बता दें कि राष्ट्रपति द्वारा एक फरवरी को विनय की दया याचिका खारिज कर दी गई थी.