आगामी दिल्ली नगर निगम चुनाव के उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा बढ़ा दी गई है| अब चुनाव के मैदान में उतरने वाले प्रत्याशी अब आठ लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे। राज्य चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों की खर्च सीमा तय कर दी है। वर्ष 2017 में हुए निगम चुनाव से तुलना करें तो इस बार राज्य चुनाव आयोग ने इसमें 38.13 फीसदी का इजाफा किया है।
बता दें कि उम्मीदवारों को अपने खर्च का हिसाब राज्य चुनाव आयोग में देना पड़ेगा। पोलिंग बूथ की सूची, प्रत्याशियों की खर्च सीमा तय होने के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस सप्ताह दिल्ली नगर निगम चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है। सूत्रों की मानें तो 10 मार्च के बाद राज्य चुनाव आयोग किसी भी दिन निगम चुनाव की घोषणा कर सकता है। बताते चलें कि बीते दिनों राज्य चुनाव आयोग ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। उसमें शामिल सभी राजनीतिक दलों से चुनावी खर्च सीमा को लेकर भी चर्चा हुई थी। उस समय महंगाई का हवाला देकर खर्च सीमा बढ़ाने की मांग रखी गई थी। इसे देखते हुए आयोग ने खर्च सीमा को 38 फीसदी से अधिक बढ़ा दिया है। वर्ष 2017 में निगम चुनाव में जहां निगम चुनाव खर्च 5.75 लाख रुपये था, जिसे इस बार तीनों निगमों पूर्वी, दक्षिणी और उत्तरी निगम के लिए आठ लाख रुपये कर दिया गया है। उससे पहले 2012 के निगम चुनाव में यह खर्च सीमा 5 लाख और उससे पहले 2007 में 4 लाख रुपये थी।
खर्च का ब्यौरा नहीं देने पर चुनाव लड़ने पर पाबंदी
चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशी अगर अपने चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं देते हैं तो उनके चुनाव लड़ने पर पाबंदी लग जाती है। इसलिए उम्मीदवारों को चुनावी खर्च का ब्योरा देना अनिवार्य है। राज्य चुनाव आयोग ने वर्ष 2017 में निगम चुनाव लड़ने वाले ऐसे 185 उम्मीदवारों को ब्लैक लिस्ट किया है, जिन्होंने चुनाव लड़ने के बाद अपने चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं दिया था। अब ये लोग 2022 में नगर निगम चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।