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Delhi Elections 2020: बड़े चेहरों पर दांव लगा सकती है आप, टिकट की रेस में सबसे आगे ये नेता कटेगी कई विधायकों की टिकिट
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो रही है. ऐसे में राज्य की तीनों ही बड़ी पार्टियां टिकट बंटवारे की तैयारियों में जुट गई हैं. सत्ताधारी आम आदमी पार्टी से लेकर मुख्य विपक्षी दल बीजेपी और कांग्रेस में टिकट के लिए नेताओं में होड़ मची है. साल 2015 में दिल्ली की सत्ता में 70 में से 67 जीतने वाली AAP के कार्यालय में टिकट की चाहत लिए कई नेताओं ने डेरा डाला हुआ है. लेकिन इस बार AAP अपने बड़े नेताओं पर दांव लगा सकती है.
इन चेहरों पर लगेगा बड़ा दांव!
आम आदमी पार्टी के राननीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक जल्द ही बुलाई जा सकती है जिसमें टिकट बंटवारे पर मंथन होना है. इस मंथन के बाद ही उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी हो सकती है. आम आदमी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक पार्टी इस बार उन चेहरों को भी विधानसभा चुनाव में उतार सकती है जो 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. इनमें पार्टी के युवा नेता राघव चड्ढा और
आतिशी का नाम सबसे आगे है. हालांकि दोनों ही नेताओं ने औपचारिक रूप से चुनाव लड़ने की इच्छा पर कोई जवाब नहीं दिया है लेकिन सूत्रों के मुताबिक पार्टी इन दोनों की उम्मीदवारी पर विचार कर रही है.
वहीं, करावल नगर सीट से दुर्गेश पाठक की उम्मीदवारी तय मानी जा रही है. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में दुर्गेश पाठक 35 सीटों के प्रभारी थे. साथ ही पार्टी के बड़े नेता दिलीप पांडे को भी इस चुनाव में फिर से मौका मिल सकता है. पांडे उत्तर-पूर्वी दिल्ली सीट से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन मनोज तिवारी के आगे उन्हें शिकस्त मिली थी. माना जा रहा है कि दिलीप पांडे तिमारपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.
कुछ सीटों पर नाम लगभग तय
चांदनी चौक की सीट पर पूर्व कांग्रेस के नेता प्रहलाद सहानी की उम्मीदवारी पर भी आम आदमी पार्टी विचार कर सकती है. आतिशी की उम्मीदवारी और विधानसभा सीट को लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं है लेकिन यह माना जा रहा है कि उन्हें पूर्वी दिल्ली की किसी सीट से उतारा जा सकता है क्योंकि इसी इलाके से आतिशी ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था. इसके अलावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ सकते हैं तो पटपड़गंज सीट से डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की उम्मीदवारी भी लगभग तय है.
शकूरबस्ती सीट से स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और बाबरपुर से कैबिनेट मंत्री गोपाल राय की उम्मीदवारी भी लगभग तय है. वहीं बाकी सीटों को लेकर AAP में अभी भी मंथन चल रहा है.
काम के आधार पर टिकट
बड़े नेताओं को टिकट देने के अलावा आम आदमी पार्टी इस बार कई विधायकों के टिकट काट भी सकती है. AAP सूत्रों की माने तो पार्टी कई स्तर पर विधायकों के कामकाज को लेकर सर्वे करा चुकी है. सर्वे में जिन विधायकों के कामकाज पर रिपोर्ट नकारात्मक होगी पार्टी उनका टिकट काटने में बिल्कुल भी नहीं झिझकेगी. हालांकि ऐसे विधायकों की संख्या कितनी है इस पर कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. जाहिर है कि आम आदमी पार्टी की नजर में जिन विधायकों का काम अच्छा है और जिनके पक्ष में सकारात्मक रिपोर्ट मिलेगी उन विधायकों को दोबारा मौका मिलेगा.
'आज तक' को सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक 8 से 10 विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं. टिकट को लेकर के आम आदमी पार्टी के किसी भी नेता ने अब तक औपचारिक बयान नहीं दिया है और लगातार चुप्पी साध रखी है. ऐसा इसलिए क्योंकि AAP को टिकट कटने से पार्टी नेताओं में बगावत का डर सता रहा है. यही वजह है कि टिकट बंटवारे पर फिलहाल पार्टी कुछ भी आधिकारिक तौर पर नहीं कहना चाहती और नेता मौन साधे हुए हैं. माना जा रहा है कि अगले दो दिनों के भीतर ही पीएसी की बैठक हो सकती है जिसमें कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जा सकता है.