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केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा है की दिल्ली सरकार राजधानी में बिजली की स्थिति के बारे में गलत जानकारी देकर जनता को गुमराह कर रही है| मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली के बिजली मंत्री को लिखे पत्र में दिल्ली सरकार द्वारा जनता को गुमराह करने पर नाराजगी व्यक्त की है|
दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र ने हाल में एक पत्र लिखकर बिजली आपूर्ति करने वाले कुछ एनटीपीसी स्टेशनों की कोयला स्टॉक की स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी।
उस पत्र के जवाब में केंद्रीय बिजली मंत्री ने रविवार को एक पत्र लिखकर कोयला स्टॉक के आंकड़ों को उजागर करते हुए कहा है कि दिल्ली के मंत्री के पत्र में गलत जानकारी दी गई थी। सिंह ने कहा कि गलत आंकड़ों का इस्तेमाल कर दहशत पैदा करने की कोशिश की गई और यह निंदनीय है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि सभी पांच थर्मल पावर स्टेशनों के पास 5-8 दिनों के लिए पर्याप्त आरक्षित कोयला भंडार है। वहीं, एनटीपीसी दादरी और ऊंचाहार बिजली स्टेशनों से 100 उपलब्धता की घोषणा करता रहा है।
सिंह के पत्र के अनुसार, दादरी संयंत्र में 29 अप्रैल 2022 को कोयले का भंडार 202.40 हजार टन था, जो 8.43 दिनों के लिए पर्याप्त है। इसी तरह, ऊंचाहार संयंत्र में कोयले का भंडार 97.62 हजार टन था, जो 4.6 दिनों के लिए पर्याप्त है। वहीं, 29 अप्रैल को कहलगांव संयंत्र में 29 अप्रैल को 187 हजार टन (5.31 दिन के लिए), फरक्का में 234.22 हजार टन (8.38 दिन के लिए) और झज्जर में 162.56 हजार टन कोयला (8.02 दिन के लिए) उपलब्ध था।
पिछले कुछ उदाहरणों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2021 में बिजली आपूर्ति में व्यवधान के बारे में लोगों में दहशत पैदा करने की कोशिश की गई थी, इस आधार पर कि दिल्ली के गैस-आधारित संयंत्रों को गैस की आपूर्ति बाधित होने की संभावना थी, जो निराधार साबित हुई।
बता दें कि मंत्री ने जोर देकर कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा अग्रिम गैस आपूर्ति की व्यवस्था नहीं की गई थी और दिल्ली के बिजली विभाग से इन मुद्दों पर नजर रखने की उम्मीद है।