दिल्ली

NIA ने दिल्ली एचसी में दी दलील, अपराध कुबूल करने से यासीन मलिक फांसी से नहीं बच सकता

Smriti Nigam
30 May 2023 3:46 PM IST
NIA ने दिल्ली एचसी में दी दलील, अपराध कुबूल करने से यासीन मलिक फांसी से नहीं बच सकता
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने दिल्ली हाईकोर्ट से कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को फांसी देने की सजा की मांग की.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने दिल्ली हाईकोर्ट से कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को फांसी देने की सजा की मांग की. एनआईए की ओर से जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट में अपने अपराध को स्वीकार करना यासीन मलिक की एक सोची समझी चाल है

और इसके चलते उसे फांसी की सजा से नहीं रोका जा सकता. अपना गुनाह कुबूल करने के बाद उसकी फांसी में रियायत नहीं करनी चाहिए.

यासीन मलिक को निचली अदालत ने आतंकी फंडिंग के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई थी. इस आदेश को एनआईए ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी और दिल्ली हाईकोर्ट ने एनआईए की अर्जी पर यासीन मलिक को एक नोटिस जारी किया है.

यासीन मलिक चूंकि अभी तिहाड़ जेल में बंद है, इसलिए उसे तिहाड़ जेल सुपरिटेंडेंट के जरिए नोटिस भेजा जाएगा. इसके अलावा कोर्ट ने 9 अगस्त को होने वाली सुनवाई में यासीन मलिक की पेशी सुनिश्चित करने के लिए प्रोडक्शन वॉरंट जारी किया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत में चले मुकदमे का रिकॉर्ड तलब किया है.

सुनवाई के दौरान एसजी तुषार मेहता ने कहा कि यासीन मलिक 4 इंडियन एयर फोर्स के जवानों की हत्या में भी शामिल है. उसके संगठन ने पूर्व केंद्रीय मंत्री की बेटी रुबिया सईद का अपहरण किया.

बाद में जब इन अपहरणकर्ताओं को छोड़ा गया तो उन्होंने मुंबई आंतकी हमलों को अंजाम दिया. तुषार मेहता ने कहा कि यासीन मलिक के पाकिस्तान जाकर हथियारों की ट्रेनिंग हासिल की भारत आकर आईएसआई की मदद से वह जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चीफ बन गया.

देश के हिस्से को अलग करना ही उसका एकमात्र उद्देश्य है.सरकार ने उसे सुधारने के लिए मौका दिया लेकिन उसने सुधारने की आड़ में अलगाववादी एजेंडे बनाए. इस बात के प्रमाण भी है कि यासीन मलिक पत्थरबाजी और अब वह फैलाने में शामिल रहा है और उसने हमेशा से ही भारतीय सेना और आम कश्मीरियों का उत्पीड़न भी किया है.

SG तुषार मेहता ने कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा यासीन मलिक के केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर न मानते हुए फांसी की सजा न देना गलत था.

इस मामले में ओसामा बिन लादेन का भी जिक्र आया हालांकि इस पर कोर्ट ने कहा कि यासीन मलिक की तुलना ओसामा बिन लादेन से नहीं की जा सकती है.इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि लादेन को ट्रायल का मौका ना देकर अमेरिका ने सही किया.हालांकि इस पर कोर्ट ने कहा कि हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.

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