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दिल्ली: ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने घर से रवाना हुए, कमलनाथ सरकार कुछ घंटों की मेहमान संकट
कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने घर से निकल चुके है. मध्यप्रदेश में सियासी ड्रामा अपमे अंतिम चरण में पहुँच चुका है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सिंधिया बीजेपी में शामिल हो सकते है.
कमलनाथ सरकार के रंग में भंग पड़ते ही मौका देख बीजेपी सक्रिय हो गई है. भोपाल में जहां बीजेपी रणनीति बनाने में जुटी है तो दिल्ली में शिवराज सिंह चौहान पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ मैराथन बैठकें कर रहे हैं.
कांग्रेस विधायकों के बेंगलुरु पहुंचने की खबरें आते ही दिल्ली में शिवराज सिंह चौहान सक्रिय हो गए. शिवराज सिंह चौहान ने पहले दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की. इसके बाद वे गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे. इस दौरान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद थे. शिवराज सिंह चौहान और अमित शाह की बैठक घंटों तक चली. इस दौरान ताजा उठापटक के तमाम पहलुओं पर चर्चा की गई.
हम नहीं गिरा रहे सरकार-भार्गव
मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि एमपी में कांग्रेस की सरकार अपनी गुटबाजी और अंतर्विरोधों से गिरेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी इस सरकार को नहीं गिरा रही है. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे एमपी में नई सरकार बनाने की कोशिश करेंगे, तो उन्होंने कहा कि अगर कमलनाथ सरकार गिरती है, तो इस हालात में बीजेपी आलाकमान राज्य नेतृत्व को जो निर्देश देगा वैसा कदम एमपी बीजेपी उठाएगी. बीजेपी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कमलनाथ सरकार का गिरना तय है.
सिंधिया को सीएम पद नहीं दे रही बीजेपी
एमपी की इस उठापटक के केंद्र में रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया देर शाम को अचानक दिल्ली में दिखे. सूत्रों के हवाले से खबर आई कि सिंधिया बीजेपी में कुछ नेताओं से संपर्क में हैं. कयासों का दौर चलता रहा. सूत्रों के मुताबिक अगर एमपी में कमलनाथ सरकार गिरती है तो बीजेपी ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम पद ऑफर नहीं कर रही है. हालांकि ये रिपोर्ट जरूर है कि समर्थन के बदले उन्हें उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है.
शिवराज चुने जा सकते हैं विधायक दल के नेता
एमपी में मची राजनीतिक हलचल के बीच मंगलवार शाम 7 बजे बीजेपी ने विधायक दल की बैठक बुलाई है. इस बैठक में बीजेपी के सभी 107 विधायकों को मौजूद रहने को कहा गया है. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना जा सकता है.
बेंगलुरु पहुंचे कांग्रेस के 20 विधायक
बता दें कि मध्य प्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच सोमवार शाम आई एक खबर ने एमपी की सियासत में गर्मी बढ़ा दी. खबर आई कि एमपी कांग्रेस के 20 विधायक बेंगलुरु में है. ये सभी विधायक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं और भिंड-मुरैना के इलाकों से ताल्लुक रखते हैं.
एमपी का सियासी समीकरण
एमपी की 230 सीटों में से 228 विधायक हैं, दो सीटें खाली हैं. इस वक्त कांग्रेस के 114 और भाजपा के 107 विधायक हैं. कांग्रेस की कमलनाथ सरकार 4 निर्दलीय, बसपा के दो और सपा के एक विधायक के समर्थन से चल रही है. सिंधिया समर्थक अगर कमलनाथ सरकार से दूरी बनाए रहते हैं तो इस स्थिति में सरकार पर संकट बना रह सकता है.