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किसानों की गिरफ्तारी पर बोली दिल्ली पुलिस, 122किसान गिरफ्तार किये है और घरवाले जानकारी ले सकते हैं
राजधानी में 26 जनवरी को हिंसा के मामले में पुलिस जांच में जुटी है और 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। हालांकि कई लोगों के लापता होने की बात की जा रही है। सोशल मीडिया पर कुछ लोग अवैध रूप से किसानों को हिरासत में रखने की बात कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर यकीन न करने की अपील की है।
'लापता' लोगों के लिए शाह से मिले कांग्रेसी
उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी और पंजाब सरकार के कई मंत्रियों ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की तथा 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के बाद से 'लापता' लोगों की सूची सार्वजनिक करने का आग्रह किया। तिवारी के मुताबिक, उन्होंने और पंजाब सरकार के मंत्रियों सुखजिंदर रंधावा, सुख सरकारिया और राजकुमार छबेवाल ने बजट पेश होने के बाद शाह से मुलाकात की।
पुलिस ने बताया 122 लोग गिरफ्तार, परिजन ले सकते हैं जानकारी
दूसरी तरफ, दिल्ली पुलिस ने सोमवार को लोगों से तीन नए कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों को अवैध रूप से हिरासत में लेने की अफवाहों पर यकीन नहीं करने की अपील की। पुलिस ने कहा है कि जांच निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से चल रही है। दिल्ली पुलिस के जन संपर्क अधिकारी ऐश सिंघल ने बताया कि अबतक 44 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं और 122 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि संबंधित मामलों के बारे में सूचना लोगों तक पहुंचाने के संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देश के मुताबिक दिल्ली पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर डाली गई है। उन्होंने कहा कि जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं उनके रिश्तेदार संबंधित थानों से जानकारी ले सकते हैं।
सिंघल ने कहा, 'हम लोगों से अफवाहों पर विश्वास नहीं करने की अपील करते हैं। दिल्ली पुलिस की जांच निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से चल रही है।' पुलिस के अनुसार गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हुए थे और 30 पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया था।
दिल्ली पुलिस ने ट्वीट किया, '26 जनवरी की हिंसा के बाद कई किसानों को अवैध रूपसे हिरासत में लिये जाने और गायब होने की अफवाहें फैलायी जा रही है। दिल्ली पुलिस ने अबतक 44 मामले दर्ज किए हैं और 122 लोगों को गिरफ्तार किया है।' उसने कहा, 'उनका ब्योरा दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर है। किसी को भी पुलिस ने अवैध रूप से हिरासत में नहीं लिया है।'