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दिल्ली पुलिस को फटकार लगा अदालत ने शाहरुख समेत चार आरोपियों को किया बरी
दिल्ली दंगों के मामले में राजधानी की एक अदालत ने शाहरुख(Shahrukh) समेत चार आरोपियों को बरी करते हुए पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट का कहना था कि पुलिस इन आरोपियों के खिलाफ केवल जुबानी जमा खर्च करती रही। अदालत के समक्ष रखे गए साक्ष्यों में कहीं से भी इन लोगों पर आरोप साबित नहीं होता। बरी किए गए तीन अन्य आरोपियों में आशू, जुबैर और अश्वनि शामिल हैं।
बता दें कि बरी किए गये आरोपियों पर दंगा और तोड़फोड़ करने का आरोप था। मामले की सुनवाई कर रहे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने हालिया आदेश में कहा, "आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ अभियोजन अपने मामले को उचित संदेह से परे साबित करने में सक्षम नहीं है और यही आपराधिक मामलों के कानून की कसौटी है। इसलिए हिंसा मामले में सभी चार आरोपियों को बरी कर दिया जाता है।"
मालूम हो कि अदालत शाहरुख, आशु, जुबेर और अश्विनी के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही थी। इन लोगों पर 25 फरवरी 2020 को यहां कर्दम पुरी(Kardam Puri) में एक पार्किंग स्थल पर ट्रैक्टर और ठेले को आग लगाने और स्कूल बसों में तोड़फोड़ करने का आरोप था। आरोप के मुताबिक ये लोग हिंसा करने वाली भीड़ का हिस्सा थे।
बता दें कि अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष ने बताया था कि इस मामले में दो गवाहों ने आरोपियों की पहचान की थी। लेकिन अहम पूछताछ में उक्त गवाहों ने गवाही दी कि उन्होंने कभी भी किसी दंगाइयों की पहचान नहीं की थी। गवाहों ने यह भी कहा कि उन्होंने किसी जांच अधिकारी को अभियुक्तों की पहचान के बारे में नहीं बताया था।
अदालत ने कहा कि दोनों गवाहों ने स्पष्ट रूप से इनकार किया कि चारों आरोपी दंगा के मौजूदा भीड़ में शामिल थे। यहां तक गवाहों ने यह भी कहा कि वे उन्हें नहीं जानते हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली की ज्योति नगर पुलिस स्टेशन ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के अलग-अलग प्रावधानों के अंतर्गत दिल्ली हिंसा मामले में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था। आरोप पत्र में आग या विस्फोटक पदार्थों से घरों को नष्ट करने के इरादे से बवाल करना, दंगा, घातक हथियार से लैस होकर शरारत करना शामिल है।