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दिल्ली हिंसा: दंगाईयों ने जिस भजनपुरा के पेट्रोप पंप पर लगाई थी आग उसका एक और है 1984 का पुराना इतिहास

Sujeet Kumar Gupta
29 Feb 2020 7:25 AM GMT
दिल्ली हिंसा: दंगाईयों ने जिस भजनपुरा के पेट्रोप पंप पर लगाई थी आग उसका एक और है   1984 का पुराना इतिहास
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पेट्रोल पर पंप पर काम करने वाले करीब 20 से अधिक कर्मचारियों ने हिंसा के दौरान पीछे के मकान पर चढ़कर अपनी जान बचाई

उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा में भजनपुरा का एक पेट्रोल पंप को भी दगाईयों ने सोमवार को आग के हवाले कर दिया। लेकिन संयोग अच्छा रहा की पेट्रोल पर पंप पर काम करने वाले करीब 20 से अधिक कर्मचारियों ने हिंसा के दौरान पीछे के मकान पर चढ़कर अपनी जान बचाई। वही आसपास के रहने वाले लोगों ने बताया कि 1984 के दंगे में ही इस पेट्रोल पंप पर हमला किया गया था, लेकिन कुछ नुकसान नहीं हुआ था।

पेट्रोल पंप के मैनेजर मेहराज सिंह का कहना है कि कि सोमवार को हिंसा के दौरान भारी संख्या में उपद्रवियों ने हमला बोल दिया। हालांकि पेट्रोल पंप में खतरा को देखते हुए पहले से ही पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी, लेकिन उपद्रवियों की संख्या अधिक होने से पुलिसकर्मियों को पीछे हटना पड़ा। पेट्रोल पंप काम करने वाले कर्मचारी जान बचाने के लिए चारदीवार के सहारे पीछे की छत से चढ़कर भागे। इसके बाद उपद्रवियों ने पेट्रोल पंप को आग के हवाले कर दिया।

मैनेजर ने बताया कि भजनपुरा स्थित दिल्ली डीजल्स नाम का पेट्रोल पंप करीब 50 साल पुराना है। पेट्रोल पंप के मालिक महेद्र अग्रवाल ने करीब 10 साल पहले अजय गुप्ता से पेट्रोल पंप को खरीदा था। यहां पर पेट्रोल डीजल के साथ सीएनसी पंप भी है। वजीराबाद की मुख्य सड़क पर पेट्रोल पंप होने से यहां रोजाना करीब दो हजार वाहन ईंधन भरवाने के लिए आते थे।

दरअसल मौजपुर में रविवार से सीएए के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है. वहीं इसका विरोध करने वालों के खिलाफ भी दूसरा समुदाय प्रदर्शन कर रहा है. सोमवार दोपहर दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए जिसके बाद जमकर पत्थरबाजी हुई. इस दौरान पुलिस ने जब बीच-बचाव करने का प्रयास किया तो लोगों ने पुलिस पर भी पथराव किया तो असामाजिक तत्वों ने भजनपुरा इलाके में पेट्रोल पंप सहित कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया है. इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने यहां भी पत्थरबाजी भी की।


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