- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Planets: जानिए बच्चों की बीमारी के पीछे होते हैं कौन से ग्रह?
Disease by Planet: विभिन्न ग्रहों के कमजोर होने की वजह शरीर में अलग अलग तरीके से कमजोरियां आने लगती है.कमजोरियों की वजह से अलग-अलग रोग भी पैदा होते हैं.
जब भी लग्न में सूर्य द्वारा ग्रह प्रभावित होकर वहीं बैठ जाए तो रोक लगने की स्थिति आ जाती है।ऐसे में बृहस्पति और शुक्र यदि आपस में नजदीक हो तो सेहत हमेशा कमजोर रहती है,
जिस तरह किसी घर को बनाने के लिए उसके पिलर और उसकी नींव सभी मजबूत होने चाहिए तभी आप की बिल्डिंग मजबूत होगी वैसे ही मनुष्य अपने जीवन में मजबूती पाना चाहता है तो उसे अपने ग्रहों को मजबूत करना होगा।
तभी वह निरोगी भी रह सकता है विभिन्न ग्रहों के कमजोर होने से शरीर में अलग अलग तरीके के रोग पैदा हो जाते हैं।
जब भी लग्न में सूर्य द्वारा ग्रह अस्त हो कर, वहीं पर बैठ जाए तो रोग लगने की आशंका बहुत अधिक हो जाती है.
इसी तरह बृहस्पति और शुक्र यदि आपस में बहुत नजदीक हों तो सेहत कमजोर रहता है. यदि लग्न स्वामी भी कहीं सूर्य द्वारा अस्त है तो निश्चित रूप से व्यक्ति रोगी हो जाता है.
- ग्रहों का राजा सूर्य को माना जाता है और यदि आपके ग्रहों में सूर्य कमजोर है तो पेट और मस्तिष्क और हृदय जैसे रोग उत्पन्न हो सकते हैं।
- अगर चंद्रमा कमजोर होता है तो व्यक्ति को जुखाम, बुखार और सांस लेने में परेशानी होती है और महिलाओं को हार्मोनल डिसऑर्डर की दिक्कतें होती हैं।
- अगर मंगल ग्रह गड़बड़ होता है तो दांत में दर्द या अन्य परेशानी से फोड़े फुंसी, घाव ,कैंसर, एक्सीडेंट और ऑपरेशन जैसी आशंका रहती है।
- यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह खराब है तो हकलाना तुतलाना सांस से संबंधित परेशानी , दिमागी विकार, याददाश्त में कमी, निर्णय शक्ति में कमी और ब्लड प्रेशर से संबंधित दिक्कत हो सकती है.
- शुक्र यदि खराब स्थिति में हो तो शारीरिक कमजोरी, वीर्य विकार, पागलपन, स्किन डिजीज, आंख में दिक्कत, डिप्रेशन आदि हो सकता है.
- यदि आपकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह खराब है तो आपको बलगम, गले के रोग, स्किन की प्रॉब्लम और मोटापे जैसी शिकायत रहेगी
-यदि आपकी कुंडली में शनि ग्रह प्रभावित है तो जोड़ों का दर्द पीठ और घुटने से संबंधित दर्द रहेगा, बिगड़ा हुआ राहु गुप्त असाध्य और लाइलाज रोगों को देने में माहिर होता है, राहु हमेशा पेट संबंधी रोग पैदा करता है ,
-यदि केतु कमजोर हो तो बुखार, पेट में कीड़े आदि होते हैं ।जब भी यह ग्रह लग्न से संबंध रखते हुए निर्बल हों तो व्यक्ति रोगों की चपेट में आ जाता है.