दिल्ली

भारत के वीर का एफसीआरए रिटर्न दाखिल नहीं हुआ, आरडीएक्स कहां से आया पता नहीं चला पर गांजा ...

Shiv Kumar Mishra
29 Sep 2020 12:43 PM GMT
भारत के वीर का एफसीआरए रिटर्न दाखिल नहीं हुआ, आरडीएक्स कहां से आया पता नहीं चला पर गांजा ...
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पुलवामा हमला कैसे हुआ, अपने यहां से कोई चूक लापरवाही थी कि नहीं, आगे न हो उसके लिए क्या किया गया, जांच हुई कि नहीं जैसे सैकड़ों सवालों का जवाब नहीं है।

संजय कुमार सिंह

देश की अर्थव्यवस्था की खराब हालत कई कारणों से है। हजारों शेल कंपनियों को बंद कराना, 14,800 से ज्यादा एनजीओ बंद कराना, विदेश से चंदा लेने पर प्रतिबंध, छोटा मोटा काम करना मुश्किल, विदेशी काम करके कमाने पर झंझट आदि उसमें शामिल हैं। लेकिन पुलवामा के बाद बना भारत के वीर फंड अपवाद है।

अपवाद तो पूरा पुलवामा है। एक मौत के पीछे सारी एजेंसियां लगीं तो कुछ ग्राम नशे का मामला मिला है। अब उसकी जांच चल रही है, गाड़ी भर आरडीएक्स कैसे आया पता नहीं चला।

साकेत गोखले ने आज ट्वीट किया है कि गृहमंत्रालय ने भारत के वीर फंड से संबंधित रिटर्न फाइल नहीं किया है। पुलवामा हमले के बाद इसकी शुरुआत अक्षय कुमार ने की थी जिसे बाद में गृह मंत्रालय ने अपने नियंत्रण में ले लिया। इसमें देश विदेश से भारी धन जमा हुआ है।

आश्चर्य की बात है कि गए साल दिसंबर में दाखिल किया जाने वाला 2018-19 का एफसीआरए रिटर्न अभी तक दाखिल नहीं हुआ है। दूसरी ओर, इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं है कि अभी तक कितने जवानों के परिवारों को सहायता मिल चुकी है।

एफसी-4 रिटर्न फाइल नहीं होने पर एफसीआरए रद्द होने का प्रावधान है। पर वह आम आदमी के लिए। यह विडंबना ही है कि एफसीआरए के तहत अनुमति गृह मंत्रालय देता है और उसके ही फंड का रिटर्न फाइल नहीं हुआ है। 10 महीने देर हो चुकी है।

विकीपीडिया के अनुसार भारत के वीर एक वेबसाइट और मोबाइल ऐप है जो जनता को भारतीय अर्धसैनिक बलों और सीएपीएफ के परिवारों के लिए योगदान करने की ऑनलाइन सुविधा प्रदान करती है। यह भारत सरकार के राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा नई दिल्ली में नियंत्रित होने के साथ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया या भारतीय स्टेट बैंक द्वारा समर्थित है।

गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक (पूर्व) गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रत्येक शहीद परिवार को कम से कम एक करोड़ रूपये देने की पहल की थी। "मौजूदा व्यवस्था के तहत परिवारों को सरकार से 15 से 35 लाख रुपये मिलते हैं, जो पर्याप्त नहीं है। राजनाथ सिंह, किरेन रिजीजू और हंसराज अहिर सहित कई मंत्रियों ने इस पहल के लिए पर्याप्त वित्तीय योगदान दिया। भारत के वीर का अभियान अप्रैल 2017 में शुरू किया गया था और 14 अगस्त तक 9.5 करोड़ रुपए एकत्र हुए थे।

पुलवामा हमला कैसे हुआ, अपने यहां से कोई चूक लापरवाही थी कि नहीं, आगे न हो उसके लिए क्या किया गया, जांच हुई कि नहीं जैसे सैकड़ों सवालों का जवाब नहीं है। हो भी कैसे – जब 10-20 ग्राम नशे का स्रोत ढूंढ़ा जाएगा तो आरडीएक्स का नंबर बाद में ही आएगा। दिल्ली दंगे की जांच मुस्तैदी से क्यों चल रही है इसे समझना मुश्किल नहीं है।

Shiv Kumar Mishra

Shiv Kumar Mishra

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