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पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी की भतीजी को दिल्ली के अस्पताल में नहीं मिला वेंटिलेटर, इलाज के दौरान मौत
नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं तो वहीं अस्पतालों में आईसीयू, वेंटिलेटर की कमी की खबर भी आने लगी है। दिल्ली के बड़े अस्पताल की हालत उस वक्त सामने आ गई जब पूर्व सांसद की भतीजी तक को गंभीर हालत होते हुए भी इलाज के लिए ICU और वेंटिलेटर नहीं मिल पाया। पूर्व सांसद और पत्रकार शाहिद सिद्दीकी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उनका गुस्सा अस्पताल और सरकार पर फूटा है। पूर्व सांसद और पत्रकार शाहिद सिद्दीकी को दिल्ली के बड़े अस्पताल पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
इलाज के अभाव में पूर्व सांसद की भतीजी की मौत
शाहिद सिद्दिकी ने ट्वीट कर बताया कि दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उनकी भतीजी मुममुन की मौत हो गई। रविवार को उनकी भतीजी ने सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। उन्होंने अस्पताल पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मेरी भतीजी मुममुन की सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई है। उन्होंने लिखा की हॉस्पिटल की स्थिति बहुत दयनीय है और कई लोग मर रहे हैं। उन्होंने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि बेहद गंभीर हालात होते हुए भी उसे आईसीयू केयर नहीं दिया गया और न ही वेंटिलेटर पर रखा गया। उन्होंने कहा कि अस्पताल लोगों को बचाने तक की कोशिश नहीं कर रहे हैं।
दिल्ली और केंद्र सरकार पर फूटा गुस्सा
शाहिद सिद्दीकी ने लिखा कि अस्पतालों में स्थिति चिंताजनक है। अस्पताल मरीजों को बचाने की कोशिश तक नहीं कर रहे हैं। मुझे दिल्ली के लोगों पर तरस आ रहा है। उन्होंने दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि ये समय राजनीति और एक दूसरे पर आरोप लगाने का नहीं है। दिल्ली और केंद्र की सरकार के बीच समन्वय का अभाव है। उन्होंने कहा कि इस वक्त राजनीति नहीं की जानी चाहिए।
'ये नेशनल इमरजेंसी है'
शाहिद सिद्दीकी ने कहा कि कोरोना पर राजनीति करना बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकारें, मीडिया, ब्यूरोक्रेसी, स्वास्थ्य सेवा देने वाले लोग, एनजीओ, सोशल सिस्टम एक साथ एकजुट होकर खड़े नहीं हो सकते तो ये देश के लिए बड़े संकट का संकेत है। उन्होंने कहा कि देश में नेशनल इमरजेंसी है।
मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से मांगी थी मदद
शाहिद सिद्दीकी ने इससे पहले अपनी भतीजी के इलाज के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से मदद मांगी थी। उन्होंने कहा कि अपनी भतीजी के इलाज के लिए उन्हें एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काटने पड़े, लेकिन किसी ने भर्ती नहीं किया। उन्होंने मदद के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को टैग करते हुए मदद मांगी थी।