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हिंदू धर्म में शादी हमेशा शादी एक पवित्र बंधन रहा है।लड़की को पराया धन समझा जाता है और एक ना एक दिन उसे अपने ससुराल जाना ही पड़ता है ।ऐसे में लड़की की जब शादी तय होती है तब उसके मन में कई सारे विचार आते हैं ।आज हम आपको इन्हीं विचारों के बारे में बताने वाले हैं कि आखिर शादी के पहले लड़की के दिमाग में क्या-क्या चलता है ।
हिंदू संस्कारों में विवाह 16 रीति-रिवाजों से बना होता है हमेशा से ही बेटियां पराया धन समझी जाती हैं और उन्हें विवाह के बाद एक ना एक दिन अपने ससुराल जाना ही पड़ता है। विवाह के बाद वो लड़के के घर पर रहती हैं तो ऐसे में लड़कियों के मन में कई सारे सवाल भी उठते हैं और यह सवाल उठना लाजमी भी है। यह सवाल लड़कियां अपनी शादी के पहले जरूर सोचती हैं। शादी तय होने के बाद हर लड़की के मन में सबसे पहले यही ख्याल होता है है कि आगे आने वाली जिंदगी कैसे होगी। इस प्रश्न का यही उत्तर है कि जैसे पहले थी वह अभी भी वैसी ही रहेगी बस आपका किरदार बदल जाएगा और जिम्मेदारियां बढ़ जाएंगी ,जिन्हें आप को और बेहतर तरीके से करना होगा। भारतीय संस्कृति में विवाह एक पवित्र संस्कार है जब विवाह होता है तो पति और पत्नी दोनों को आपस में सामंजस्य जरूर बिठाना चाहिए ।लड़कियां अक्सर इस बारे में सोचती है कि क्या वह अपने रिश्ते को बेहतर तरीके से निभा पाएंगी या नहीं लेकिन इस बात को सोचने की वजह यदि भविष्य की योजनाओं को आपस में चर्चा करके उन्हें बेहतर बनाया जाए तो जिंदगी आसान भी हो जाएगी और आपका रिश्ता भी सुचारू रूप से चलता रहेगा।
शादी के दिन कोई भी लड़की अमूमन यह जरूर सोचती है कि, क्या वाकई मुझे शादी कर लेनी चाहिए? क्या मैं परिवार के साथ सामंजस्य बेहतर कर पाऊंगी? यदि अरेंज मैरिज है तो, क्या मेरा पति मुझे पसंद करेगा? क्या यही ड्रीम बॉय है? लड़कियां बेहद इमोशनल भी होती हैं उनका अपने मां-बाप से एक अलग ही तरीके का अटैचमेंट भी होता है. वही ससुराल जाने से पहले वह यह सोचती है कि क्या उन्हें ससुराल में भी मां-बाप जैसा प्यार मिलेगा?? क्या उनके सास ससुर उन्हें मां-बाप जैसा प्यार देंगे। वही लड़कियां शादी के पहले अपने नंद और देवर से अपने भाई बहनों जैसा व्यवहार चाहती हैं, जिससे वह अपना वैवाहिक जीवन सुखमय बना सके।