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जैसा कि हर ऑफिस में देखा गया है कि कर्मचारी अपने वर्किंग आवर्स में ऐसा कुछ न कुछ करने जाते ही हैं। ऐसे में कई बार वर्कर सिगरेट पीने भी जाते रहते हैं। लोग काम के बीच से भी कभी-कभी ब्रेक ले लेते हैं। ऐसे एक शख्स की कहानी सामने आ रही है जिसने अपने काम से बार-बार ब्रेक लिया तो उसका विभाग उस पर एक्शन लेने को मजबूर हो गया। कर्मचारी वर्किंग आवर में बार-बार सिगरेट पीने जाता था। काम के दौरान उसने इतनी ज्यादा बार ब्रेक ले लिया कि उसका विभाग उससे परेशान हो गया और मजबूरन उस पर एक्शन लेना पड़ा।
बताया जा रहा है कि इस कर्मचारी पर लगभग ₹900000 का जुर्माना भी लगाया गया है। इतना ही नहीं उसके वेतन में से भी कटौती की गई है। सिगरेट की लत ने एक सरकारी कर्मचारी को बहुत ही मुश्किल में डाल दिया है ।अब इस शख्स पर करीब ₹900000 का जुर्माना लगा है और वर्किंग आवर में बार-बार सिगरेट पीने जाने की वजह से उसका वेतन भी कटेगा। बताया जा रहा है यह मामला जापान के ओसाका का है। बताया जा रहा है कि ओसाका में एक जापानी सिविल सर्वेंट को 14 वर्षों में 4500 से अधिक बार वर्किंग आवर के दौरान धूम्रपान करने में दोषी पाया गया। इसके बाद उसके वेतन से लगभग ₹900000 वापस करने के लिए कहा गया। इतना ही नहीं उसे अगले 6 महीने तक अपनी सैलरी से 10 परसेंट की कटौती भी करवानी होगी।
बताया जा रहा है कि 61 साल के इस कर्मचारी ने 14 सालों में 4512 बार सिगरेट पी। वह भी ऑफिस के टाइम में सिगरेट पीने के लिए उसने 4500 से ज्यादा बार ब्रेक भी लिया। दरअसल धूम्रपान के लिए उसे ऑफिस से बाहर जाना पड़ता था। सिगरेट के चक्कर में उसने वर्किंग आवर के 355 घंटे बर्बाद कर दिए। मतलब जॉब पर रहते हुए भी उसने इतने घंटे का काम नहीं किया लेकिन उसे इसकी सैलरी मिली। इसलिए अब उसे ₹900000 का जुर्माना भरना पड़ेगा। उसके दो सहयोगियों को भी सजा सुनाई गई है।
रिपोर्ट के अनुसार ओसाका में सिगरेट पीने को लेकर सख्त नियम हैं. लोकल पब्लिक सर्विस एक्ट के तहत ड्यूटी ऑफ डिवोशन का उल्लंघन करने पर इन कर्मचारियों को सजा दी गई है. इसके पहले 2019 में, ओसाका में एक हाई स्कूल टीचर पर भी एक्शन हुआ था. उसने वर्किंग आवर में सिगरेट पीने के लिए 3,400 बार ब्रेक लिया था. जुर्माने के साथ उसके वेतन में कटौती की गई थी.