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हाईकोर्ट ने डीके शिवकुमार की याचिका किया खारिज, CBI केस पर की थी रोक लगाने की मांग
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को आज हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने डिप्टी सीएम की आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई केस पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका पर आदेश सुनाते हुए जस्टिस के नटराजन ने केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी CBI जांच पर लगी अंतरिम रोक को हटा दिया है और CBI को तीन महीने के भीतर जांच पूरी करने और अंतिम रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिये हैं। जस्टिस के नटराजन ने कहा कि याचिका काफी समय बाद दाखिल की गई थी और जांच एजेंसी की अधिकांश जांच पहले ही पूरी हो चुकी है।
साल 2017 में घर समेत कई ठिकानों पर IT की रेड
बता दें कि साल 2017 में डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के घर समेत कई प्रतिष्ठानों पर इनकम टैक्स ने छापेमारी की थी, कार्रवाई के बाद डिप्टी सीएम पर आय से अधिक संपत्ति होने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। जानकारी के मुताबिक, आयकर विभाग ने डीके शिवकुमार के ठिकानों से 41 लाख रुपये कैश बरामद किये थे। इसके आधार पर ईडी ने इनके खिलाफ जांच शुरू की और मनी लांड्रिग PMLA के तहत केस दर्ज किया।
2020 में CBI ने दर्ज किया केस
प्रवर्तन निदेशालय की जांच के बाद, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने डिप्टी सीएम के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी थी। प्रदेश सरकार ने जांच एजेंसी को 25 सितंबर 2019 को जांच के लिए मंजूरी दी थी। जिसके बाद 3 क्टूबर 2020 को उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
2013 से 2018 के बीच कई गुना बढ़ी संपत्ति
केंद्रीय जांच ब्यूरो के मुताबिक, साल 2013 से 2018 के बीच डिप्टी सीएम शिवकुमार और उनके परिवार के लोगों के पास करीब 74.8 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति पाई गई, जिसका रिकार्ड उनके पास नहीं है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी अपील में कहा कि उसके सभी अधिग्रहणों का कुल मूल्य 128 करोड़ से बढ़कर 162 करोड़ रुपये हो गया, जो लगभग 45% की बढ़त हुई है। बता दें कि ईडी ने 2019 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवकुमार को गिरफ्तार किया था, इसके एक महीने बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी थी।
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