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Inspiring UPSC Success Story: यूपीएससी में अपनी सफलता का परचम फहराने वाले विशाल कुमार बेहद गरीब परिवार से आते हैं. उनके पिता साल 2008 में उन्हें छोड़कर चले गए थे जिसके बाद उनकी मां ने बकरी पाली और उन्होंने खुद मजदूरी का काम करके अपने घर की आर्थिक स्थिति को सुधारा
IAS Officer Vishal Kumar 484 Rank in UPSC CSE Success Story: जैसा कि सभी जानते हैं कि यूपीएससी की परीक्षा पास करना सभी के बस की बात नहीं होती है. यह देश की सबसे कठिन परीक्षा में से एक हैं लाखों लोग हर वर्ष इस परीक्षा में बैठते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही ऐसे होते हैं जो इस परीक्षा को पास कर पाते. ऐसी एक कहानी है विशाल की जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से अपनी मंजिल को पा लिया. UPSC की परीक्षा को पास करने वाले हर आईएएस अधिकारी के पीछे की उनके संघर्ष की कहानी होती है जो काफी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी होती हैं. देश की सबसे कठिन माने जाने वाली इस परीक्षा में उम्मीदवारों को अपने आप को साबित करने के अलावा इसका कोई विकल्प नहीं होता है इसके आगे कोई भी संघर्ष बड़ा नहीं होता।
ऐसी ही कई सफल उम्मीदवारों की कहानियां बीते दिन से ही सभी के सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में हम लेकर आए हैं, बिहार के विशाल की कहानी, जो अपने आप में संघर्ष और इसके बाद मिली सफलता की असल कहानी है। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में रहने वाले विशाल ने संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 484 रैंक प्राप्त की थी. उनकी सफलता के बाद मीनापुर प्रखंड स्थित उनके गांव मकसूदपुर में काफी खुशी का माहौल बन गया था. घर पर सब बधाई देने के लिए उमड़ पड़े थे .उनकी मिसाल अब हर कोई देता है और उनसे हर कोई प्रेरणा भी ले रहा है. यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने के बाद विशाल ने अपनी कहानी सभी के साथ शेयर की. उन्होंने बताया कि वह एक बेहद गरीब परिवार से हैं. साल 2008 में उनके पिता की भी मौत हो गई थी. उसके बाद उन्होंने मजदूरी करके अपने घर का पालन पोषण किया उनके जाने के बाद वह काफी आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे.
इसके बाद उनकी मां रीना देवी ने बकरी और भैंस पाला जिसके बाद उनके परिवार का भरण पोषण हो पाया विशाल अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने परिवार और अपने अध्यापक गौरीशंकर प्रसाद को देते हैं. विशाल बताते हैं कि उनके मुश्किल वक्त में उनके अध्यापक गौरीशंकर ने उनकी पढ़ाई में बहुत मदद की. उन्होंने विशाल की पढ़ाई की फीस भी दी. पैसों की तंगी के समय पर उन्होंने अपने घर में विशाल को रखा.जब विशाल नौकरी करने लगे थे तब अध्यापक ने ही उन्हें नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने को प्रोत्साहित किया। इस दौरान भी अध्यापक गौरी शंकर ने उनकी आर्थिक मदद की। विशाल बताते हैं कि उनके पिता स्वर्गीय बिकाऊ प्रसाद कहा करते थे कि उनका बेटा एक दिन पढ़ लिखकर बड़ा आदमी जरूर बनेगा। विशाल ने 2011 में मैट्रिक में टॉप किया था। उसके बाद उन्होंने साल 2013 में आईआईटी कानपुर में भी प्रवेश पा लिया था। इसके बाद इन्हें रिलायंस कंपनी में अच्छी जॉब भी मिली थी लेकिन अपने अध्यापक के कहने पर उन्होंने यूपीएससी क्लियर किया.