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IAS Sivaguru Prabhakaran: पढ़िए आईएएस शिव गुरु प्रभाकरण की इंस्पिरेशनल स्टोरी, रेलवे प्लेटफार्म पर बैठकर पढ़ाई की और बन गए आईएएस ऑफिसर

Anshika
18 April 2023 1:59 PM GMT
IAS Sivaguru Prabhakaran: पढ़िए आईएएस शिव गुरु प्रभाकरण की इंस्पिरेशनल स्टोरी, रेलवे प्लेटफार्म पर बैठकर पढ़ाई की और बन गए आईएएस ऑफिसर
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IAS Success Story: आईएएस अधिकारी शिवगुरु अपनी मां और बहन को दिन-रात काम करते हुए जब देखते थे तो उन्हें लगता था कि उन्हें भी अपनी जिंदगी में कुछ करना है जिससे उनकी मां और बहन को इन समस्याओं का सामना ना करना पड़े।

आईएएस अधिकारी शिवगुरु अपनी मां और बहन को दिन-रात काम करते हुए जब देखते थे तो उन्हें लगता था कि उन्हें भी अपनी जिंदगी में कुछ करना है जिससे उनकी मां और बहन को इन समस्याओं का सामना ना करना पड़े। इसलिए उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ने का फैसला किया और आरा मिल में एक संचालक के रूप में काम करना शुरू किया ।

UPSC Exam: जैसा कि सभी जानते हैं कि यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षा में से एक है और इस परीक्षा को पास करना आसान भी नहीं है। लाखों बच्चे हर साल आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही ऐसे बच्चे होते हैं जो इस अपने सपने को पूरा कर पाते हैं ।कुछ बच्चे ऐसे होते जो अपने संघर्षों को सीखकर आगे बढ़ पाते हैं और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। ऐसे में हम कई सारे अधिकारी बच्चों के बारे में सुनते हैं और उनके संघर्ष के बारे में भी जानते हैं यहां हम ऐसे आईएएस अधिकारी के बारे में बताएंगे जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा को पास करने के लिए सभी बाधाओं को पार किया

हम बात कर रहे हैं आईएएस अधिकारी एम शिवगुरु प्रभाकरन की. आईएएस अधिकारी शिव गुरु का जन्म किसान परिवार में हुआ था। इनके परिवार में हर इंसान खेती ही करता था। शिवगुरु के पिता शराबी थे। उनकी मां और बहन खेत में काम करती थी। वही रात में टोकरियां बनाती थीं. शिवगुरु अपनी मां और बहन को दिन-रात काम करते हुए देखते थे और इसीलिए उन्होंने अपनी शिक्षा छोड़ने का फैसला किया और एक आरा मिल संचालक के रूप में काम करना शुरू कर दिया.

शिवगुरु प्रभाकरन ने एक इंटरव्यू में कहा था,"मैंने दो साल तक आरा मिल चलाने वाले के रूप में काम किया और थोड़ी बहुत खेती भी की. मैं जो भी पैसा जुटा सकता था, मैंने कुछ अपने परिवार पर खर्च किया और कुछ अपनी पढ़ाई के लिए बचा लिया. मैं अपने सपनों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था." इसके बाद शिवगुरु ने एक कारखाने में काम करना शुरू किया लेकिन वह अपने सपने को पूरा करना नहीं भूले। शिव गुरु ने अपनी बहन की शादी के बाद फिर से पढ़ाई शुरू की और अपने भाई को शिक्षा दिलाने में भी मदद की। साल 2008 में गुरु ने वेल्लोर मेंथानथाई पेरियार गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सिविल इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया

आईएएस अधिकारी शिवगुरु वीकेंड में पढ़ाई करते थे और सेंट थॉमस माउंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर ठहरते थे. आईएएस अधिकारी सप्ताह के दौरान अपने कॉलेज के लिए वेल्लोर लौट जाते थे और अपने खाली समय में अपनी पढ़ाई के लिए काम करना शुरू कर देते थे. तमाम कठिनाइयों के बावजूद, आईएएस शिवगुरु प्रभाकरन अपने लक्ष्य पर फोकस करते रहे और सफलतापूर्वक आईआईटी-एम एडमिशन परीक्षा पास कर ली और फिर 2014 में अपना एम.टेक पूरा किया. एमटेक पास करने के बाद आईएएस शिवगुरु प्रभाकरन ने यूपीएससी परीक्षा को क्रैक करने के अपने सपने पर फोकस किया. शिवगुरु ने चौथे अटेंप्ट में यूपीएससी की परीक्षा पास की और ऑल इंडिया रैंक 101 हासिल की.

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