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आईएएस का कुत्ता घर न घाट का: दिल्ली, अरुणाचल या रहेगा लद्दाख!
दिल्ली में एक आईएएस दम्पत्ति का कुत्ते को त्यागराज स्टेडियम में घुमाने की बात सामने आई। जिसके मुताबिक दोनों आईएएस का ट्रांसफर लद्दाख और अरुणाचल कर दिया गया लेकिन अभी तक यह जानकारी उपलब्ध नहीं हुई कि साहब का कुत्ता किस जगह रहेगा।
चूंकि अरुणाचल ट्रांसफर पर टीमसी सांसद ने सवाल कर दिया है कि क्या अरुणाचल मे किस हैसियत से इस अधिकारी को भेजा जा रहा है। क्या अंब कुत्ता अरुणाचल मे टहलेगा।
वहीँ जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम ने भी लद्दाख तबादले पर सवाल किया है।
अब इन सवालों के बाद यह तय कैसे होगा कि साहब का कुत्ता रहेगा कहां?
क्योंकि अब तक कहा जाता था कि धोबी का कुत्ता घर का न घाट का। लेकीन अब कहा जाएगा साहब कुत्ता घर का न घाट का।
दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम मे गुरुवार को कुत्ता घुमाने के लिए स्टेडियम का खाली कराने वाले आईएएस आईएएस पति-पत्नी संजीव खिरवार और रिंकू दुग्गा का आख़िरकार दिल्ली से तबादला हो ही गया।
गुरुवार को उनकी यह बेहूदा हरकत लीड खबर बन गई और देखते ही देखते सब जगह छा गई अब उनका पति पत्नी का तबादला दिल्ली एनसीआर से कर दिया गया है।
आईएएस दम्पत्ति का ताबदला
1994 बैच के आईएएस अधिकारी संजीव खिरवार का तबादला दिल्ली से सुदूर लद्दाख किया गया है। जबकि 1994 बैच की आईएएस अधिकारी श्रीमती रिंकू दुग्गा का तबादला पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में कर दिया गया है।
बड़ी ही दिलचस्प बात हो गई पति पत्नी का ट्रांसफर सरकार ने सजा के तौर पर किया है। जहां सूर्योदय होगा तो कुत्ते को पत्नी वाक कराएंगी जबकि सूर्यास्त होगा तो पति कुत्ते को घुमाएंगे। भारत के एक सिरे पर पति रहेगा और एक सिरे पर पत्नी एक बड़ी सजा दी गई है।
क्या था मामला
दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में ट्रेनिंग करने वाले ऐथलीट और कोच पिछले कुछ महीनों से परेशान हैं. दावा है कि 7 बजे से पहले उनको ट्रेनिंग खत्म करके स्टेडियम खाली करने को कह दिया जाता है, जिससे उनकी प्रैक्टिस पर असर पड़ रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, उन लोगों ने आरोप लगाया कि इसकी वजह दिल्ली के प्रमुख सचिव (राजस्व) संजीव खिरवार (Sanjeev Khirwar) हैं, जो 7.30 बजे करीब वहां टहलने आते हैं और साथ में उनका कुत्ता भी होता है.
बता दें कि खिलाड़ियों ने कहा कि इससे पहले वे स्टेडियम में रात 8.30 बजे तक अभ्यास करते थे। लेकिन खिरवाल अपने कुत्ते के साथ टहलने आते हैं, इसके लिए स्टेडियम को खाली करा दिया जाता है, जिससे वे टहल सके. वहीं एक कोच ने कहा, "पहले हम यहां रोशनी में 8 से 8.30 बजे तक खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देते थे. लेकिन अब हमें शाम 7 बजे तक स्टेडियम खाली करने को कहा जाता है. जिससे अधिकारी अपने कुत्ते को टहला सकें. इसकी वजह से हमारा रूटीन और हमारा प्रशिक्षण बाधित हो गया है."
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, संपर्क करने पर 1994 बैच के आईएएस अधिकारी खिरवार ने आरोप को "बिल्कुल गलत" बताया. उन्होंने स्वीकार किया कि वह "कभी-कभी" अपने पालतू जानवर को टहलाने के लिए ले जाते हैं, लेकिन इस बात से इनकार करते हैं कि इससे एथलीटों की अभ्यास दिनचर्या बाधित होती है.
इंडियन एक्सप्रेस ने पिछले सात दिनों में तीन शामों को स्टेडियम का दौरा किया और स्टेडियम के गार्डों को शाम लगभग 6.30 बजे ट्रैक की ओर जाते हुए, सीटी बजाते हुए और यह सुनिश्चित करते हुए देखा कि शाम 7 बजे तक अखाड़ा साफ हो जाए.
खबर में लिखा है कि त्यागराज स्टेडियम से जुड़े कोच और एथलीट्स फिलहाल परेशान हैं. उनका कहना है कि पहले वे 8.30 या कभी-कभी 9 बजे तक भी प्रैक्टिस कर लेते थे. तब वे हर आधे घंटे में ब्रैक लेते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं कर पाते. वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो 3 किलोमीटर दूर जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में जाने लगे हैं.