दिल्ली

जानिए आईएएस रेनू राज की प्रेरणादायक कहानी जिन्होंने पहली बार में ही क्रैक किया यूपीएससी और बन गई आईएएस

Anshika
7 March 2023 9:44 PM IST
जानिए आईएएस रेनू राज की प्रेरणादायक कहानी जिन्होंने पहली बार में ही क्रैक किया यूपीएससी और बन गई आईएएस
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जानिए आईएएस रेनू राज की प्रेरणादायक स्टोरी पहले ही बार में पास किया यूपीएससी का एग्जाम बन गई आईएएस

आईएएस रेनू मुन्नार अवैध निर्माण और भूमि अतिक्रमण के लिए कड़ी कार्यवाही करने के लिए जानी जाती हैं. जैसा कि सभी जानते हैं कि यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षा है. यही कारण है कि हर साल कई लोग आईएएस बनने का सपना तो देखते हैं लेकिन उसमें से कुछ ही लोग अपने इस सपने को पूरा कर पाते हैं और सिविल परीक्षा पास कर पाते हैं. ऐसी एक शख्सियत है जिनका नाम है रेणू राज जो केरल के कोट्टायम की रहने वाली है

रेणु मुन्नार हिल स्टेशन में अवैध निर्माण और भूमि अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के लिए भी पहचानी जाती हैं. आईएएस ऑफिसर रेणु राज केरल के कोट्टायम की रहने वाली हैं. रेनू ने अपने लगन और मेहनत से पहली बार में ही यूपीएससी की परीक्षा को पास कर लिया और साथ ही उन्होंने 2014 में सिविल सेवा परीक्षा में दूसरी स्थान भी प्राप्त किया. रेनू राज बताती है कि यूपीएससी की परीक्षा देने के लिए उन्होंने अपने मेडिकल की पढ़ाई को छोड़ दिया.आईएएस बनने के बाद रेणु मुन्नार हिल स्टेशन में लोगों के द्वारा किए गए अवैध निर्माण और भूमि अतिक्रमण के खिलाफ की लड़ाई के लिए भी जानी जाती हैं.

रेणु राज ने अपनी स्कूली शिक्षा केरल के कोट्टायम में सेंट टेरेसा हायर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की है. इसके बाद उन्होंने कोट्टायम के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से मेडिसिन की पढ़ाई की थी. रेणु राज के पिता सरकारी कर्मचारी थे और उनकी मां एक ग्रहणी थी. इसके अलावा रेणु की दो बहने भी हैं जो पेशे से डॉक्टर हैं. रेनू राज ने अपने इंटरव्यू में बताया था कि वह बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनना चाहती थी और यह उनके बचपन का सपना भी था. जब रेणु एक सर्जन के रूप में काम कर रही थी तो उन्हें एहसास हुआ कि वह एक आम लोगों की तरह ही काम कर रही हैं लेकिन उन्हें अपने जीवन में कुछ बेहतर करना था जिसके बाद उन्होंने आईएएस बनने का फैसला किया.

रेणु राज बताती हैं कि वह सोचती थी कि डॉक्टर बनकर वह केवल 50 या 100 रोगियों की मदद कर सकते हैं लेकिन अगर वह सिविल सेवा अधिकारी के रूप में सामने आए तो उनके एक निर्णय से हजारों लोग इसका लाभ उठा पाएंगे . इसके बाद ही उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा देने का फैसला किया.

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