दिल्ली

जामिया हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा से जुड़ी याचिकाओं को किया खारिज, पहले हाईकोर्ट जाइए

Sujeet Kumar Gupta
17 Dec 2019 6:10 AM GMT
जामिया हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा से जुड़ी याचिकाओं को  किया खारिज, पहले हाईकोर्ट जाइए
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दिल्ली। जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के बाहर हुए 15 दिसंबर की रात को हुए बवाल में दिल्ली पुलिस ने 10 युवकों को गिरफ्तार किया है.सुप्रीम कोर्ट में हिंसा पर सुनवाई शुरू हो गई है. दिल्ली, यूपी पुलिस के अधिकारी अदालत में पहुंच गए हैं. दिल्ली पुलिस की ओर से प्रवीर रंजन, देवेश श्रीवास्तव मौजूद हैं, जबकि अलीगढ़पुलिस की ओर से DIG रेंज मौजूद हैं. अलीगढ़ हिंसा में घायल हुए प्रीतेंद्र भी अदालत में मौजूद हैं।

01:17 PM, 17-DEC-2019

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया का पालन किया जाए. अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपने आदेश में कहा कि एक कमेटी विभिन्न राज्यों के मामले देखे यह संभव नहीं है. यह अलग-अलग राज्यों से संबंधित है. याचिकाकर्ता संबंधित हाईकोर्ट्स में जाएं.

CJI ने कहा कि हम ट्रायल कोर्ट नहीं हैं पहले हाईकोर्ट जाइए. सुप्रीम कोर्ट ने जामिया और एएमयू में हिंसा से जुड़ी याचिकाओं को खारिज कर दिया.

01:15 PM, 17-DEC-2019

सुप्रीम कोर्ट ने जामिया और एएमयू से जुड़ी याचिका की खारिज कर दी है. अदालत ने कहा है कि संबंधित पक्ष हाईकोर्ट जायें.

01:14 PM, 17-DEC-2019

सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि एक भी छात्र गिरफ्तार नहीं किया गया है.

01:14 PM, 17-DEC-2019

सीजेआई ने दो मुद्दों पर चिंता जाहिर की. पहली यह कि बिना वाइस चांसलर को जानकारी दिये छात्रों की गिरफ्तारी कैसे हुई और जो बच्चे घायल हुए उन्हें क्या मेडिकल सहायता मिली. इस पर तुषार मेहता ने कहा कि 67 लोग घायल हुए जिसमें 31 पुलिस वाले शामिल हैं.

01:02 PM, 17-DEC-2019

सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंसाल्विस ने जिरह की. इस दौरान उन्होंने यह धारणा दूर करने की कोशिश की कि छात्र दंगाई थे. इस पर सीजेआई ने कहा कि वह यह कह ही नहीं रहे हैं कौन दंगाई था या कौन नहीं?

12:50 PM, 17-DEC-2019

जामिया में हुई हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका कर्ताओं से कहा है कि वह निचली अदालतों में जाएं. सीजेआई ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि मामला गंभीर नहीं है लेकिन उन अदालतों में जाएं यहां पहले तथ्य तय हो सकें. हम अब भी शांति व्यवस्था के बारे में चिंतित हैं.

12:46 PM, 17-DEC-2019

चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वो पहले उन्हें समझाएं कि उनकी याचिका क्यों सुनी जाए. चीफ जस्टिस ने कहा कि ये मामला हाईकोर्ट क्यों नहीं गया?

याचिकाकर्ता से अदालत ने कहा कि आपको लीगल सिस्टम समझना होगा. ऐसे मामलों से आप हमें ट्रायल कोर्ट बना रहे हैं.

याचिकाकर्ता ने कहा कि ये हिंसा पूरे देश में हो रही है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को दखल देना होगा. जिसपर चीफ जस्टिस एस. ए. बोबड़े नाखुश हुए और कहा कि हम ऐसा नहीं करेंगे, इस तरह की भाषा का इस्तेमाल ना करें.

याचिकाकर्ता ने जब कहा कि छात्रों की तरफ से हिंसा नहीं हुई है, तो चीफ जस्टिस ने पूछा कि हिंसा नहीं हुई तो बस कैसे जली थी?

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, शुरुआती जांच में लग रहा है कि हिंसा की तैयारी पहले से की गई थी. गीले कपड़े लेकर आंसू गैस के गोले पर डाले गए थे, पेट्रोल बम का इस्तेमाल हुआ. जो बताता है कि पहले से प्लानिंग थी, अभी तक इसमें दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस का कहना है कि सभी युवकों का आपराधिक रिकॉर्ड है पुलिस ने मंगलवार को बताया कि आरोपियों को सोमवार की रात गिरफ्तार किया गया. आज दोपहर में कोर्ट में पेश होंगे गिरफ्तार लोग। पुलिस का कहना है कि जल्द ही कुछ नई गिरफ्तारियां भी की जाएंगी। जिन दस लोगों की गिरफ्तारियां की गई हैं वह वीडियो फुटेज के आधार पर हैं।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोगों में कोई भी छात्र नहीं है. हालांकि पुलिस ने साथ कहा है कि छात्रों को अभी क्लीन चिट नहीं दी गई है और मामले की जांच की जा रही है. वहीं पुलिस ने बवाल के दौरान बस जलाए जाने वाले मामले में आरोपी युवकों से पूछताछ शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने जिन युवकों को गिरफ्तार किया है उन पर रविवार रात हुए बवाल में शामिल होने का आरोप है. इन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी सीसीटीवी फुटेज के आधार पर की गई है. हिंसा में चार सरकारी बसों को आग लगा दी गई थी. राहगीरों के वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई थी. जिसके बाद पुलिस ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों को लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया था. आरोप है कि पुलिस ने यूनिवर्सिटी के अंदर तक घुसकर आंसू गैस के गोले दागे थे।


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