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19 मई को है ज्येष्ठ अमावस्या 2023, जानिए इस शुभ और लाभकारी दिन पर क्या करें

Anshika
17 May 2023 7:54 PM IST
19 मई को है ज्येष्ठ अमावस्या 2023, जानिए इस शुभ और लाभकारी दिन पर क्या करें
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इस वर्ष ज्येष्ठ अमावस्या 19 मई को पड़ रही है। यह एक बहुत ही शुभ दिन है और विशेष रूप से इस वर्ष ज्येष्ठ अमावस्या, वट सावित्री व्रत और शनि जयंती सभी इस दिन पड़ रहे हैं।

इस वर्ष ज्येष्ठ अमावस्या 19 मई को पड़ रही है। यह एक बहुत ही शुभ दिन है और विशेष रूप से इस वर्ष ज्येष्ठ अमावस्या, वट सावित्री व्रत और शनि जयंती सभी इस दिन पड़ रहे हैं। ज्येष्ठ अमावस्या हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। जानिए इस शुभ दिन पर क्या करना चाहिए। इस साल 19 मई 2023 को कई संयोग बन रहे हैं। अमावस्या तिथि 19 मई को रात 9 बजकर 23 मिनट तक रहेगी।

हिंदू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इन दोनों दिनों में पवित्र नदियों में स्नान और दान करने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन यदि हम पवित्र स्नान और दान या श्राद्ध आदि करते हैं, तो कई पुण्यों की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि इस दिन श्राद्ध करने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद पाते हैं और पितरों के आशीर्वाद से सभी शुभ कार्य संपन्न होते हैं।

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन दान करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन गेहूं, चना, मूंग की दाल, तिल, जौ और चावल का दान करना चाहिए। इन चीजों का दान करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।इस वर्ष ज्येष्ठ अमावस्या पर शोभन योग बन रहा है। इसलिए आज के दिन इस योग में पूजा करने से वहां आपके धन में अपार वृद्धि होगी। साथ ही मान-सम्मान और आयु में भी वृद्धि होती है। संभव हो तो अमावस्या के दिन गंगा नदी में स्नान करना चाहिए। कहा जाता है कि अमावस्या के दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति को अपने पापों से मुक्ति मिल जाती है।

हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि यानी 18 मई गुरुवार को रात 09 बजकर 42 मिनट से अगले दिन 19 मई रात 09 बजकर 22 मिनट तक. अब उदयतिथि के आधार पर इस वर्ष ज्येष्ठ अमावस्या 19 मई को मनाई जाएगी और दर्श अमावस्या भी इसी दिन पड़ेगी। ज्येष्ठ अमावस्या पर परिवर्तनशील मुहूर्त सुबह 05 बजकर 28 मिनट से 07 बजकर 11 मिनट तक है।

लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह 07 बजकर 11 मिनट से 08 बजकर 53 मिनट तक है।

अमृत- श्रेष्ठ मुहूर्त प्रातः 08 बजकर 53 मिनट से 10 बजकर 35 मिनट तक है।

शुभ मुहूर्त दोपहर 12:18 बजे से दोपहर 02:00 बजे तक है। ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शिव वास होता है। इस दिन जो भी व्यक्ति की कृपा पाना चाहता है रुद्राभिषेक शिव वास के समय शिववास का शुभ मुहूर्त सुबह से रात 09 बजकर 22 मिनट तक करना चाहिए है। ज्येष्ठ अमावस्या के दिन ही शनि जयंती भी है, इसी दिन भगवान शिव का जन्म हुआ था। जो व्यक्ति इस दिन शनिदेव की पूजा करता है। शनिदोष, साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है। इस अमावस्या के दिन देवी सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस ले लिए थे। इसलिए इस दिन पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा जाता है। इस दिन व्रत रखने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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