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केजरीवाल सरकार तो जेएनयू के आरोपियों को पहले ही दे चुकी क्लीन चिट, अब पुलिस को कैसे मिलेगी चार्जशीट की अनुमति ?
दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई देश विरोधी गतिविधियों के संबंध में दिल्ली पुलिस ने 10 आरोपियों के विरुद्ध पटियाला हाउस कोर्ट में जो चार्जशीट प्रस्तुत की, उस पर कोर्ट ने संज्ञान लेने से इंकार कर दिया। कोर्ट का कहना रहा है कि चार्जशीट प्रस्तुत करने से पहले पुलिस ने दिल्ली सरकार की अनुमति नहीं ली है। कोर्ट का निर्णय अपनी जगह है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में चलने वाली दिल्ली सरकार की पुलिस को जेएनयू के मामले मे ंचार्जशीट पेश करने की अनुमति दे देगी?
पुलिस ने यह चार्जशीट जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद सहित दस लोगों के विरुद्ध तैयार की है। सब जानते हैं कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल कई बार कह चुके हैं कि जेएनयू में देश विरोधी कोई घटनाक्रम नहीं हुआ और दिल्ली पुलिस बेवजह छात्रों को फंसा रही है। केजरीवाल ने तो पूरे मामले में आरोपी छात्रों का ही समर्थन किया है। केजरीवाल का तो यहां तक कहना है कि पुलिस ने जो देश विरोधी नारों के जो वीडियो दिखाए है। वो ही झूठे हैं। कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस को अब चार्जशीट की अनुमति के लिए केजरीवाल सरकार के पास ही जाना होगा।
क्या सरकार यह अनुमति देगी? केजरीवाल इस समय विपक्ष के उस महागठबंधन में शामिल हैं जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जम कर गालियां दे रहा है। दिल्ली पुलिस केन्द्र सरकार के अधीन ही काम करती है। जब विपक्षीदल केन्द्र सरकार को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, तब विपक्ष के समर्थक माने जाने वाले कन्हैया कुमार, उमर खालिद आदि के खिलाफ कार्यवाही के केजरीवाल की कैसे अनुमति देगी? यह भी अफसोसनाक है कि कोर्ट के निर्णय से पहले ही सरकार के मुख्यमंत्री ने आरोपियों को निर्दोष घोषित कर दिया।
भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगे थे:
दिल्ली पुलिस ने जो चार्जशीट तैयार की है उसमें कहा गया है कि फरवरी 2016 में जेएनयू में छात्रों की जो सभा हुई, उसमें भारत तेरे टुकड़े होंगे, जैसे देश विरोधी नारे लगे थे। छात्रों ने कश्मीर की आजादी के समर्थन में भी नारे लगाए। इस घटना के बाद मुख्य आरोपी कन्हैया कुमार को विपक्षी दलों का समर्थन मिला और अब कहा जा रहा है कि कन्हैया कुमार बिहार के बेगूसराय से लोकसभा का चुनाव लड़ेगा। अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश के हालात कैसे हैं।