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अमित शाह के करंट वाले बयान पर कपिल सिब्बल ने केजरीवाल के जीत के बाद किया पलटवार
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर से शानदार जीत हासिल की है. लगातार दुसरी बार दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी को एक ऐसी पार्टी ने हराया है जो राष्ट्रीय पार्टी तक नहीं है. ऐसा चमत्कार बहुत कम राजनीति में देखने को मिलता है। अब वो लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। लगातार दूसरे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता नहीं खुला है। वही काग्रेस के नेता कपिल सिब्बल ने अमित शाह के शाहिन बाग में करंट वाले वाले बयान पर आप के जीत के बाद पलटवार किया है
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि "भाजपा को दिल्ली में ऐसी हार मिली है कि जो करंट EVM का शाहीन बाग तक पहुंचना था वो शाहीन बाग का करंट होम मिनिस्टर तक पहुंच गया। मैं समझता हूं की अगला चुनाव जो दिसंबर में बिहार में होने वाला है वहां भी ऐसा ही करंट होम मिनिस्टर तक पहुंचेगा।"
बता दें कि बीते 26 जनवरी को गृहमंत्री अमित शाह ने बाबरपुर में आयोजित रैली में कहा था कि ईवीएम का बटन इतने गुस्से के साथ दबाना कि बटन यहां बाबरपुर में दबे, करंट शाहीन बाग के अंदर लगे। अमित शाह के इस बयान के बाद तो भाजपा के नेता इस मुद्दे को जोर शोर से उठाने लगे। मॉडल टाउन से चुनाव लड़ रहे कपिल मिश्रा ने भी अपने एक ट्वीट में शाहीन बाग को मिनी पाकिस्तान बताया था।
तो वही कांग्रेस की हार पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बोला कि -जो भी राज्य सरकार का चुनाव होता है उसमें जनता देखती है कि सत्ता में और केंद्र में जो पार्टी है उसे उससे क्या मिलेगा।हम न तो सत्ता में थे और न ही केंद्र में।साथ ही हम जनता को अपनी नीतियां और आगे क्या करने वाले हैं बताने में नाकामयाब रहे।
दिल्ली चुनाव का सबसे हॉट-सीट शाहीन बाग था। और ऐसा कोई भी नेता नहीं बचा है जो इसमें कूदा न हो...अब तो शाहीन बाग के नाम पर राजनीतिक दल अपनी सरकार बनाने की जुगत में लगे रहे जैसे-जैसे चुनाव की तारीख करीब आ रही थी ठीक वैसे ही नेताओं के तेवरों के साथ ही मुद्दे भी बदल गए। पहले बिजली, पानी, स्वास्थ्य सुविधाएं और विकास की बात हो रही थी लेकिन अब सिर्फ शाहीन बाग की।
एक दल कह रहा है कि दूसरा दल चुनाव तक शाहीन बाग को खाली नहीं कराना चाहता वर्ना अभी तक वह खाली हो चुका हो जाता। तो दूसरा दल आरोप लगा रहा है कि मौजूदा सरकार शाहीन बाग के लोगों की हितौशी है वो टुकड़े-टुकड़े गैंग वालों के साथ खड़ी है।
शाहीन बाग को मुद्दा बनता देख दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी इस मामले में बोलना पड़ा। क्योंकि अभी तक वह इस मामले पर कुछ बोलने से कतरा रहे थे। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसा उन्होंने वोट बैंक को साधने के प्रयास में किया था क्योंकि वह शाहीन बाग मामले से जिनता दूर होंगे उतना ही ज्यादा समर्थन शाहीन बाग जाम द्वारा परेशान लोगों का उन्हें मिलेगा। लेकिन सीधे-तौर पर आरोप लगता देख केजरीवाल को भी अपनी चुप्पी तोड़नी पड़ी।
इन बयानों से यह तो पता चलता है कि शाहीन बाग वह मुद्दा है जो दिल्ली में सरकार बनाएगा। अब विकास, बिजली, पानी, सस्ती शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं वाले मुद्दे पर चर्चा करके समय बर्बाद नहीं करना हैं। मोटे-मोटे शब्दों में कहें तो शाहीन बाग को लेकर भाजपा बेहद आक्रामक नजर आ रही थी जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने नरम रुख अपनाये रहे।