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ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. लेकिन भारतीय तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती नहीं कर रही हैं. आने वाले दिनों में भी पेट्रोल-डीजल के रेट में गिरावट नहीं आने वाली है. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसके पीछे की वजह बताई है. उन्होंने कहा कि सबसे विकसित देशों में जुलाई 2021 से अगस्त 2022 तक ईंधन की कीमतों में लगभग 40 फीसदी की वृद्धि देखी गई है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, केंद्रीय मंत्री डीएसएफ बिड राउंड- III के तहत 31 डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड ब्लॉक और सीबीएम बिड राउंड वी के तहत चार सीबीएम ब्लॉक के कॉन्ट्रैक्ट दिए जाने के मौके पर एक इवेंट में पहुंचे थे.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कच्चे तेल और गैस की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने कच्चे तेल और गैस की कीमतों में उतार-चढ़ाव को कम करने के लिए कई उपाय किए हैं. पुरी ने कहा कि विकसित देशों में जुलाई 2021 से अगस्त 2022 के बीच ईंधन की कीमतों में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. लेकिन भारत में 2.12 फीसदी की कमी आई है. कीमतों में कौटती के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऑयल कंपनियां नुकसान की भरपाई के लिए दाम बढ़ाना जारी रख सकती हैं. बेंचमार्क क्रूड ऑयल की कीमतें घटकर 90 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई हैं. जुलाई के अंत में ये 111 डॉलर प्रति बैरल पर थीं.
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा है कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बावजूद भारतीय तेल कंपनियां घाटे में हैं. उन्हें इससे उबरने के लिए थोड़ा और वक्त चाहिए. उनके जवाब से यह साफ हो गया कि HPCL, BPCL और IOCL जैसी तेल वितरण कंपनियां निकट भविष्य में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती नहीं करने वाली हैं. इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में BPCL को घाटा हुआ था. जून की तिमाही में BPCL ने 6,290.8 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था. अप्रैल-जून की तिमाही में पेट्रोल-डीजल के दाम में इजाफा नहीं करने के चलते BPCL का घाटा काफी बढ़ गया था. इस दौरान वितरण मार्जिन में गिरावट के कारण उसे नुकसान उठाना पड़ था.
वहीं, वित्त वर्ष 2022-2023 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में HPCL का घाटा बढ़कर 10,196.94 करोड़ हो गया था. अप्रैल-जून में कंपनी को 1,992.53 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. पिछले महीने इंडियन ऑयल ने बताया था कि अप्रैल-जून की तिमाही के दौरान ऑयल कंपनियों को पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 14 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है