
जानिए कौन है कपिल मिश्रा जो बीजेपी ने बनाए दिल्ली प्रदेश के उपाध्यक्ष!

बीजेपी नेता कपिल मिश्रा को भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया है। दिल्ली बीजेपी के ट्विटर हैंडल से बताया गया कि प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के निर्देशानुसार कपिल मिश्रा को प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। दिल्ली भाजपा ने ट्विटर हैंडल से नियुक्ति वाला आदेश भी शेयर किया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
अरविंद केजरीवाल सरकार में पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा 2019 में आम आदमी पार्टी (AAP) की महिला विंग की प्रमुख ऋचा पांडे के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे।
कपिल मिश्रा ने जताया आभार
प्रदेश उपाध्यक्ष की ज़िम्मेदारी मिलने के बाद कपिल मिश्रा ने भी आभार जताते हुए ट्वीट किया है। अपने ट्विटर अकाउंट पर उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अत्यंत आभार। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का आभार इस जिम्मेदारी के योग्य मुझे समझने के लिए। गृह मंत्री अमित शाह का आभार जिनके मार्गदर्शन में दिल्ली बड़े परिवर्तन की ओर है। दिल्ली के यशस्वी अध्यक्ष और मेरे बड़े भाई वीरेंद्र सचदेवा का आभार जिन्होंने मुझे अपनी टीम का सदस्य बनाने योग्य समझा।”
कौन है कपिल मिश्रा
कपिल मिश्रा का परिवार पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले का है. कपिल का जन्म 13 नवंबर 1980 को हुआ था. कपिल की मां अन्नपूर्णा मिश्रा बीजेपी नेता रही हैं. वे पूर्वी दिल्ली नगर निगम की मेयर भी रह चुकी हैं. उनके पिता का नाम रामेश्वर मिश्रा 'पंकज' है, वे समाजवादी सोच वाले नेता रहे हैं.
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर उतने हमले किसी और ने नहीं किए जितने कभी उनके साथ खड़े रहने वाले कपिल मिश्रा ने किए हैं. कपिल मिश्रा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को लेकर बनी आम आदमी पार्टी पर पिछले कुछ सालों में कई भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.
2017 में कपिल मिश्रा ने की थी आप से बगावत
मई 2017 में कपिल मिश्रा के तेवरों ने अरविंद केजरीवाल समेत पूरी आम आदमी पार्टी के नेताओं की नींद उड़ा दी थी. गौरतलब है कि कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल पर 2 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. कपिल मिश्रा ने एसीबी में भी शिकायत की थी.
कपिल ने इसके साथ ही अपने आरोपों को लेकर लाइ डिटेक्टर टेस्ट करवाने की बात भी कही थी. हालांकि केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के वे आरोप सिद्ध कभी नहीं हो पाए. इसके बाद पहले कपिल को मंत्री पद से हटाया गया फिर बाद में पार्टी से भी बाहर कर दिया गया.
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं कपिल मिश्रा
कपिल मिश्रा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंबेडकर कॉलेज से बीए और फिर सोशल वर्क में एमए की पढ़ाई की है. कपिल अपने पढ़ाई के समय से ही सामाजिक आंदोलन से जुड़ गए थे. कपिल दिल्ली में काम करने वाले 'यूथ ऑफ जस्टिस' संगठन के को-फाउंडर भी रहे हैं. कपिल ने कई सामाजिक समस्याओं को लेकर तमाम विरोध प्रदर्शन भी किए हैं.
कॉमनवेल्थ खेलों में डेवलपमेंट के नाम पर हुई धांधलियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले शुरुआती लोगों में भी कपिल मिश्रा का नाम शामिल है. कपिल ने इस मुद्दे पर 'इट्ज कॉमन वर्सेज वेल्थ' नाम की एक किताब भी लिखी है. कपिल ने जेसिका लाल मर्डर केस, किसानों की आत्महत्या और यमुना में अतिक्रमण को लेकर कई बार प्रोटेस्ट भी किया था.
कुमार विश्वास से रही है कपिल मिश्रा की नजदीकी
जानकारी के मुताबिक कपिल एमनेस्टी इंटरनेशनल और ग्रीनपीस जैसे अंतर्राष्ट्रीय एनजीओ में भी काम कर चुके हैं. 26 नवंबर 2012 को जब आम आदमी पार्टी का गठन हुआ तो अरविंद केजरीवाल की टीम में कपिल मिश्रा भी शामिल थे. कपिल मिश्रा कुमार विश्वास के करीबी माने जाते हैं.
ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान ने जब कुमार विश्वास का विरोध किया था उस वक्त कपिल मिश्रा अकेले ऐसे आप नेता थे जो कुमार विश्वास के साथ मजबूती से खड़े रहे थे. 2017 में विरोध के बाद कई बार कपिल के बीजेपी ज्वाइन करने की अफवाहें उठती रहीं है जिस तरह कुमार विश्वास को लेकर भी बातें होती रहती हैं. लेकिन कपिल ने कई बार यह बात कही कि वो 2004 से आंदोलन से जुड़े हुए थे और वे कहीं नही जाएंगे बल्कि वहीं रहकर सफाई करेंगे. झाड़ू चलाएंगे. कूड़ा हटाएंगे.
कपिल ने संस्कृत में ली थी विधायक पद की शपथ
2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में करावल नगर विधानसभा से कपिल मिश्रा को 1,01,865 वोट मिले थे. उन्होंने बीजेपी के मोहन सिंह को 44,431 वोटों से हराया था. इस जीत के साथ कपिल मिश्रा पहली बार विधायक बने थे. 23 फरवरी 2015 को शपथ ग्रहण समारोह में कपिल एकमात्र ऐसे विधायक थे जिन्होंने अपनी शपथ संस्कृत में ली थी.
एमसीडी चुनाव के बाद कपिल ने स्वीकार की थी हार
2017 में दिल्ली नगर निगम के चुनाव में आप की करारी हार हुई. आम आदमी पार्टी ने हार का ठीकरा ईवीएम के सिर फोड़ने की कोशिश की थी. लेकिन कपिल ने आगे आ कर हार को स्वीकार किया और कहा कि लोगों ने उनकी पार्टी को वोट नहीं दिया.