- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
"मन की बात" पीएम मोदी बोले "देखिये, अफ़वाहों पर बिल्कुल ध्यान न दें " मिल्खा सिंह से की थी यह अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 78वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित किये और फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह को श्रद्धांजलि दी। देशवासियों से टोक्यो ओलंपिक में जाने वाले खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने, वैक्सीन लगवाने की अपील की।
पीएम मोदी ने कहा कि जब बात टोक्यो की हो रही हो, तो भला मिल्खा सिंह जी जैसे महान एथलीट को कौन भूल सकता है ! कुछ दिन पहले ही कोरोना ने उन्हें हमसे छीन लिया। वो खेल को लेकर इतना समर्पित और भावुक थे कि बीमारी में भी उन्होंने तुरंत ही इसके लिए हामी भर दी लेकिन, दुर्भाग्य से नियति को कुछ और मंजूर था। जब वे अस्पताल में थे, तो मुझे उनसे बात करने का अवसर मिला था
पीएम मोदी ने कहा कि- मिल्खा सिंह जी से बात करते हुए मैंने उनसे आग्रह किया था कि आपने तो 1964 में टोक्यो ओलंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, इसलिए इस बार, जब हमारे खिलाड़ी, ओलंपिक्स के लिए टोक्टो जा रहे हैं, तो आपको हमारे एथलीट का मनोबल बढ़ाना है, उन्हें अपने संदेश से प्रेरित करना है। हम सब जानते हैं कि मिल्खा सिंह जी का पूरा परिवार स्पोर्ट्स को समर्पित रहा है, भारत का गौरव बढ़ाता रहा है। मुझे आज भी याद है 2014 में वो सूरत आए थे | हम लोगों ने एक नाइट मैराथॉन का उद्घाटन किया था | उस समय उनसे जो गपशप हुई, खेलों के बारे में जो बात हुई, उससे मुझे भी बहुत प्रेरणा मिली थी।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में तो अधिकांश खिलाड़ी छोटे-छोटे शहरों, कस्बों, गाँवों से निकल करके आते हैं। जब टेलेंट, डेडिकेशन और स्पोर्ट्समैन स्पिरिट एक साथ मिलते हैं, तब जाकर कोई चैंपियन बनता है। टोक्यो जा रहे हमारे ओलंपिक दल में भी कई ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं, जिनका जीवन बहुत प्रेरित करता है। टोक्यो जा रहे हर खिलाड़ी का अपना संघर्ष रहा है, बरसों की मेहनत रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि टीके की सुरक्षा देश के हर नागरिक को मिले, हमें लगातार प्रयास करते रहना है। कई जगहों पर वैक्सीन को लेकर झिझक को खत्म करने के लिए कई संगठन के लोग आगे आये हैं और सब मिलकर के बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। मेरी माँ तो क़रीब-क़रीब 100 साल की हैं, उन्होंने भी दोनों डोज लगवा लिए हैं। कभी-कभी किसी को इससे बुखार वगैरह आता है, पर वो बहुत मामूली होता है, कुछ घंटो के लिए ही होता है। देखिए, वैक्सीन नहीं लेना बहुत ख़तरनाक हो सकता है।
"देखिये, अफ़वाहों पर बिल्कुल ध्यान न दें |"
पीएम मोदी ने कहा, कोरोना के खिलाफ हम देशवासियों की लड़ाई जारी है, लेकिन इन लड़ाई में हम सब साथ मिलकर कई असाधारण मुकाम भी हासिल कर रहे हैं. अभी कुछ दिन पहले ही हमारे देश ने एक अभूतपूर्व काम किया है. 21 जून को वैक्सीन अभियान के अगले चरण की शुरुआत हुई और उसी दिन देश ने 86 लाख से ज्यादा लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाने का रिकॉड भी बना दिया और वो भी एक दिन में.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कभी न कभी, ये विश्व के लिए केस स्टडी का विषय बनेगा कि भारत के गांव के लोगों ने हमारे वनवास-आदिवासी भाई बहनों ने इस कोरोना काल में किस तरह अपने सूझबूझ का परिचय दिया. गांव के लोगों ने क्वारंटाइन सेंटर बनाए, स्थानीय जरूरतों को देखते हुए कोविड प्रोटोकॉल बनाए. गांव के लोगों ने किसी को भूखा नहीं सोन दिया, खेती का काम भी रुकने नहीं दिया.
पीएम मोदी ने कहा, अब से कुछ दिनों बाद 1 जुलाई को हम नेशनल डॉक्टर्स डे मनाएंगे. यह दिन देश के महान चिकित्सक डॉक्टर बीसी राय की जन्म जयंती को समर्पित है. कोरोना काल में डॉक्टरों के योगदान के हम सब आभारी हैं. हमारे डॉक्टरों से अपनी जान की परवाह न करते हुए हमारी सेवा की है. इसलिए इस बार नेशनल डॉक्टर्स डे और भी खास हो जाता है.
पीएम मोदी ने कहा, हमारे देश में कई लोग ऐसे भी हैं जो डॉक्टर्स की मदद के लिए आगे बढ़कर काम करते हैं. श्रीनगर से एक ऐसे ही प्रयास के बारे में मुझे पता चला. यहां डल झील में एक बोट एंबुलेंस सर्विस की शुरुआत की गई. इस सेवा को श्रीनगर के ताकिर अहमद जी ने शुरू किया, जो एक हाउस बोट ओनर हैं. उन्होंने खुद भी कोविड-19 से जंग लड़ी है और इसी ने उन्हें एंबुलेंस सर्विस शुरू करने के लिए प्रेरित किया.
प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण पर बात करते हुए कहा कि- बादल जब बरसते हैं तो केवल हमारे लिए ही नहीं बरसते, बल्कि बादल आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बरसते हैं। बारिश का पानी जमीन में जाकर इकठ्ठा भी होता है, जमीन के जलस्तर को भी सुधारता है। और इसलिए मैं जल संरक्षण को देश सेवा का ही एक रूप मानता हूँ।
प्रधानमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के सच्चिदानंद भारती जी एक शिक्षक हैं और उन्होंने अपने कार्यों से भी लोगों को बहुत अच्छी शिक्षा दी है। आज उनकी मेहनत से ही पौड़ी गढ़वाल के उफरैंखाल क्षेत्र में पानी का बड़ा संकट समाप्त हो गया है। जहां लोग पानी के लिए तरसते थे, वहां आज साल-भर जल की आपूर्ति हो रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि आप ये जानकर हैरान रह जायेंगे कि भारती जी ऐसी 30 हजार से अधिक जल-तलैया बनवा चुके हैं। उनका ये भागीरथ कार्य आज भी जारी है और अनेक लोगों को प्रेरणा दे रहे हैं। उन्होंने लगातार छोटे-बड़े तालाब बनवाये। इससे न सिर्फ उफरैंखाल की पहाड़ी हरी-भरी हुई, बल्कि लोगों की पेयजल की दिक्कत भी दूर हो गई। साथियों, पहाड़ों में जल संरक्षण का एक पारंपरिक तरीक़ा रहा है जिसे 'चालखाल' भी कहा जाता है , यानि पानी जमा करने के लिए बड़ा सा गड्ढा खोदना।
पीएम मोदी ने 'मन की बात' में कहा, मुझे नैनीताल से परितोष ने लिखा है कि, उन्हें गिलोय और दूसरी कई वनस्पतियों के इतने चमत्कारी मेडिकल गुणों के बारे में कोरोना आने के बाद ही पता चला. उन्होंने कहा कि लोगों के आसपास ही कई औषधीय वनस्पतियां मौजूद हैं लेकिन उन्हें पता ही नहीं है. जिसे बारे में उन्हें जानने की जरूरत है. इसी तरह मध्य प्रदेश के सतना के एक साथी हैं श्रीमान रामलोटन कुशवाहा जी, उन्होंने बहुत ही सराहनीय काम किया है. रामलोटन जी ने अपने खेत में एक देशी म्यूज़ियम बनाया है. इस म्यूज़ियम में उन्होंने सैकड़ों औषधीय पौधों और बीजों का संग्रह किया है.