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राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राज्यसभा सांसद मनोज झा (Manoj Jha) ने शुक्रवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में भगवा झंडा और भगवा जेएनयू लिखे पोस्टर लगाने की कड़ी निंदा की है। एएनआई से बातचीत में राजद नेता ने कहा है कि जो लोग ऐसा कर रहे हैं उन्हें नहीं पता कि वे क्या कर रहे हैं?
वे इस बात को समझने में भी अक्षम हैं कि जेएनयू में अगर भगवा झंडे लहराने लगे तो इसके परिणाम क्या होंगे। यह एक विश्वविद्यालय है। इसका एक वैश्विक दर्शन है, इसे समझने की जरूरत है। राजद नेता ने यह भी कहा है कि किसी विश्वविद्यालय को भगवा, हरा, लाल या पीले रंग में रंगने से कुछ हासिल नहीं किया जा सकता है।
आपको बता दें कि ऐसे समय पर आयी है जब बीते 10 दिसंबर को रामनवमी (Ramanavami) के मौके पर जेएनयू में दो गुटों के बीच झड़प हो गयी थी। वामपंथी छात्रों और एबीवीपी के छात्रों के बीच इस दौरान मारपीट की घटनाएं भी हुई थी। दोनों गुट इसके लिए एक दूसरे को जिम्मेदार बता रहे हैं।
आपको बता दें कि शुक्रवार 15 अप्रैल को जेएनयू परिसर में भगवा झंडे और भगवा जेएनयू लिखे पोस्टर देखने को मिले थे। उसके बाद दिल्ली पुलिस ने बताया था कि परिसर से भगवा झंडे और पोस्टर हटवा दिए गए हैं। जांच में जो लोग भी इसके लिए दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस मुद्दे पर मनोज झा ने सरकार से सवाल करते हुए पूछा है कि केन्द्र सरकार की कैबिनेट में ऐसे कई लोग हैं जो इसी जेएनयू से पढ़ाई करके आए हैं। आप एक संस्थान को नष्ट कर रहे हैं। अगर आप किसी एक छोड़ को कट्टरपंथी सोच की तरफ ले जाएंगे तो उससे कौन प्रभावित होगा? इससे नुकसान जेएनयू का नहीं होगा यह देश का नुकसान होगा।
देश मे विपक्षी राजनीति की जमीनी स्थिति पर बोलते हुए राजद सांसद ने कहा है कि वर्तमान समय में देश की एक बड़ी आबादी सरकार की नीतियों और भाजपा की सोच से इत्तेफाक नहीं रखती है। हमें भगवान ने जितनी ताकत दी है हम उसी के साथ अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। जब तक करोड़ों लोग हमें चाहते रहेंगे, हमारी जैसी पार्टियां चुप नही बैठेंगी।
आपको बता दें कि बीते रविवार 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन जेएनयू में वामपंथी धरे के छात्रों और एबीवीपी के छात्रों के बीच मांसाहारी भोजन खाने को लेकर झड़प और हाथापाई की घटना हुई थी। वहीं एबीवीपी के छात्रों का तर्क था कि उन्हें रामनवमी की पूरा करने से रोका जा रहा था इसलिए विवाद हुआ।
इस घटना के बाद जेएनयू प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश जारी किया था कि विश्वविद्याय परिसर में किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। छात्रों को जेएनयू परिसर में किसी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होने की चेतावती दी गयी थी कि जिससे यहां की शांति व्यवस्था और सद्भाव को ठेस पहुंचे।