दिल्ली

मौलाना साद ने क्राइम ब्रांच के नोटिस पर कहा- मैं अभी सेल्फ क्वारंटाइन हूं, इसलिए जवाब नहीं दे सकता

Arun Mishra
4 April 2020 12:31 PM GMT
मौलाना साद ने क्राइम ब्रांच के नोटिस पर कहा- मैं अभी सेल्फ क्वारंटाइन हूं, इसलिए जवाब नहीं दे सकता
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तबलीगी जमात के प्रवक्ता शाहिद अली ने बयान जारी कर कहा कि मौलाना साद को क्राइम ब्रांच का नोटिस मिला है

दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में नियमों का उल्लंघनकर भीड़ जुटाने के आरोपी मौलाना साद (Maulana Muhammad Saad) ने क्राइम ब्रांच के नोटिस का जवाब दिया है. उन्होंने जवाब में कहा कि मैं अभी सेल्फ क्वारंटाइन में हूं. मैं अभी जवाब नहीं दे सकता हूं.

तबलीगी जमात के प्रवक्ता शाहिद अली ने बयान जारी कर कहा कि मौलाना साद को क्राइम ब्रांच का नोटिस मिला है, जिसमें 26 सवाल पूछे गए हैं. हमने क्राइम ब्रांच से जवाब देने के लिए वक्त मांगा है, क्योंकि बहुत सारे कागज सरकारी दफ्तरों में हैं. जैसे ही हमें वो कागज हासिल होंगे या उनकी कॉपी मिल जाएगी हम जवाब दे देंगे. वहीं, दिल्ली पुलिस की तरफ से निजामुद्दीन इलाके में खासकर मयंक के पास पेट्रोलिंग की जा रही है. इस दौरान पुलिस ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है.

कई दिन से कथित रूप से नदारद माने जा रहे निजामुद्दीन स्थित मरकज तबलीगी जमात मुख्यालय प्रमुख मौलाना मो. साद कांधलवी ने शुक्रवार को माना कि उन्हें दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है. नोटिस के साथ कई सवालात की लिस्ट भी है. उन्होंने अपने बेटे और जमात कमेटी मेंबर मो. यूसुफ साद के जरिये स्वीकार किया कि अपराध शाखा ने उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है. मौलाना साद ने ये तमाम बातें अपने बेटे मो. यूसुफ साद के जरिये शुक्रवार को एक लिखित पत्र के जरिये बताईं. मौलाना साद के बेटे यूसुफ जमात कमेटी के सदस्य भी हैं. यह बयान मौलान साद के द्वारा ही ड्राफ्ट करवाया गया बताया जा रहा है.

मौलाना यूसुफ के मुताबिक, "मीडिया में जमात मुख्यालय को लेकर जो भी खबरें 31 मार्च 2020 से आ रही हैं, वे सब महज बदनाम किए जाने की साजिश है. तबलीगी जमात किसी भी राजनीतिक संगठन का भी हिस्सा नहीं है. जहां तक बात मौलाना साद के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किए जाने की है, तो नई दिल्ली क्राइम ब्रांच ने मौलाना मोहम्मद साद के खिलाफ केस दर्ज किया है."

मौलाना साद की तरफ से मो. यूसुफ साद द्वारा लिखित में दिए गए और आईएएनएस के पास मौजूद बयान के मुताबिक, "जहां तक तबलीगी जमात मुख्यालय में पहुंचे मेहमानों में से कुछ के कोरोना संक्रमित मिलने की बात है, तो यह एक इत्तिफाक है. जैसे ही हमें कोरोना के बारे में बताया गया, हमने सभी मेहमानों के प्रवेश पर जमात मुख्यालय में पाबंदी लगा दी थी. हर मेहमान का हमारे पास रिकार्ड है. जमात मुख्यालय ने अपनी ओर से सभी मेहमानों को तुरंत उनके घर पहुंचाने के हर संभव उपाय किए थे."

यूसुफ साद ने इसी पत्र में आगे बताया है कि प्रधानमंत्री द्वारा 22 मार्च की आधी रात जनता कर्फ्यू की जैसे ही घोषणा की गई, वैसे ही सरकारी मशीनरी द्वारा जमात मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम बंद करा दिया गया था, जो उसके बाद से अब तक बंद है. बीते कुछ दिनों से सभी भाग लेने वाले, चाहे वे भारतीय हों या फिर विदेशी, जो मरकज निजामुद्दीन में लॉकडाउन के चलते फंस गए थे, उन सभी को बाहर निकाला गया. साथ ही उन सबको कोरंटाइन करके अलग-अलग जगहों पर भेजा जा चुका है. इनमें से तमाम को अस्पतालों में भी दाखिल कराया जा चुका है.

Arun Mishra

Arun Mishra

Sub-Editor of Special Coverage News

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