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Nautapa 2023: 22 मई से शुरू होगा नौतपा, जानिए क्या है ये और क्यों है अहम
नौतपा गर्मी में वृद्धि से संबंधित है और ज्योतिष और विज्ञान दोनों में इसका महत्व है। नौतपा हिंदू कैलेंडर के ज्येष्ठ के तीसरे महीने में होता है। नौतपा 15 दिनों तक रहता है और पहले नौ दिन सबसे गर्म होते हैं जिसमें तापमान अपने उच्चतम बिंदु पर पहुंच जाता है क्योंकि सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं। गर्मियां आ चुकी हैं और आने वाले दिनों में और तेज होंगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार,नौतपा ज्येष्ठ के महीने के दौरान हर साल शुरू होता है जो हिंदू कैलेंडर का तीसरा महीना है और वर्तमान में चालू है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नौतपा का मतलब नौ दिनों तक भीषण गर्मी होता है। नौतपा कब शुरू होता है।सूर्यदेव जो इस धरती पर प्रत्यक्ष देवता माने जाते हैं,रोहिणी नक्षत्र मे प्रवेश करते हैंऔर ये यात्रा 15 दिन की है। इन 15 दिनों में से पहले 9 दिन गर्मी के मौसम के सबसे गर्म माने जाते हैं। दरअसल, कब सूर्य देव ज्येष्ठ मास में रोहिणी नक्षत्र में है, तब रवि की किरणें सीधे पृथ्वी पर गिरती हैं, जिसके परिणामस्वरूप उन दिनों भीषण गर्मी पड़ती है।
नौतपा एक प्राकृतिक घटना है जो 9 दिनों तक चलती है। ये 9 दिन गर्मी के हर महीने में सबसे गर्म माने जाते हैं। नौतपा तब होता है जब सूर्यदेव 15 दिनों तक रोहिणी नक्षत्र में रहते हैं। इस कारण इसे नौतपा कहा जाता है। सूर्य के वृष राशि में प्रवेश के साथ ही गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है और इसी दिन से गर्मियों का चरम 'नौतपा' भी शुरू हो जाता है। नौतपा के दौरान जंगल में आग लगने की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं। हालांकि सकारात्मक पक्ष यह है कि इन गर्म दिनों में तेज गर्मी से कई हानिकारक बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं, जिससे लोगों को विभिन्न घातक बीमारियों से बचाया जा सकता है।
शास्त्रों के अनुसार सूर्य की पूजा करने मात्र से व्यक्ति की कुंडली में मौजूद सभी ग्रह दोषों से मुक्ति मिल जाती है। प्रत्यक्ष देवता सूर्य और चंद्रमा दोनों में ही व्यक्ति के पूर्व जन्मों के पापों को दूर करने की शक्ति होती है।
'पूर्व जन्म कृतं पापं व्याधि रूपेण जयते' अर्थात पूर्व जन्मों में किया हुआ पाप रोग के रूप में उत्पन्न होता है। उन्हें अर्घ्य देने और उन्हें प्रणाम करने से जीव अपने पापों से मुक्त हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष सूर्य 22 मई को सुबह 08 बजकर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इसके साथ ही नौतपा शुरू हो जाएगा और अगले नौ दिनों तक चलेगा। सूर्य 5 जून तक रोहिणी नक्षत्र में रहेगा। नौतपा न केवल ज्योतिष बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इसके अनुसार नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं, जिससे तापमान अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच जाता है। तापमान में वृद्धि के कारण मैदानी भागों में निम्न दाब का क्षेत्र बन जाता है, जो समुद्र की लहरों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसके कारण पृथ्वी के कई हिस्सों में ठंडी हवाएं, तूफान और बारिश की संभावना है जो तापमान को सहने योग्य स्तर तक नीचे ले आती है।