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जानिए पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच झड़प वाले वीडियो पर नीरज चोपड़ा ने क्या दी अपनी प्रतिक्रिया
जंतर-मंतर पर चल रहे पहलवानों के विरोध का रविवार को अंत हो गया, क्योंकि दिल्ली पुलिस ने विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया को हिरासत में ले लिया। बताया जा रहा है
कि उन्हें हिरासत में इसलिए लिया गया क्योंकि वह संसद की ओर बढ़ रही थी और उनके सुरक्षा घेरे को तोड़ना चाह रही थी।हिरासत में ले जाने के बाद उन पहलवानों को तुरंत बसों में ढकेल दिया गया और एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया।
हिरासत में लिए जाने के बाद पहलवानों को तुरंत बसों में धकेल कर किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया गया और पुलिस अधिकारियों ने पहलवानों के गद्दे, कूलर, चारपाई और अन्य सामान हटाकर धरना स्थल को खाली करना शुरू कर दिया।
अभी तक यह ज्ञात नहीं है कि पहलवानों को विरोध में लौटने की अनुमति दी जाएगी या नहीं क्योंकि पुलिस द्वारा कोई आधिकारिक पुष्टि या बयान नहीं दिया गया है। हालांकि पहलवानों को पहले ही संसद की ओर न जाने की चेतावनी दी जा चुकी थी।
इस घटना में अराजकता देखी गई क्योंकि पुलिस अधिकारियों ने विनेश फोगट और उसकी चचेरी बहन संगीता फोगट को धक्का दे दिया, जो बैरिकेड्स को पार करने की कोशिश कर रही थी।
यह जोड़ी कुछ मिनटों के लिए सड़क पर पड़े अधिकारियों का कड़ा विरोध करते हुए भी देखी गई। इसके बाद पुलिस ने उन्हें अन्य पहलवानों और उनके समर्थकों के साथ घसीटते हुए बसों में भर लिया।
पहलवानों ने 23 अप्रैल को डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपना विरोध फिर से शुरू कर दिया और उनकी गिरफ्तारी की मांग की।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और इसे प्रशंसकों, एथलीटों और मशहूर हस्तियों का समर्थन मिला है। मौजूदा ओलंपिक हाई जंप चैंपियन नीरज चोपड़ा ने भी ट्विटर पर पहलवानों को अपना समर्थन दिया।
साक्षी मलिक के ट्विटर अकाउंट से घटना का एक वीडियो रीट्वीट करते हुए नीरज ने लिखा, "ये देख मुझे बहुत दुख हो रहा है। इससे निपटने का एक बेहतर तरीका होना चाहिए।"पूरे देश में उनकी स्थिति को देखते हुए नीरज का समर्थन विरोध को भारी बढ़ावा देगा।
जब से उन पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं, बृजभूषण ने बार-बार इसका खंडन किया है। इसके साथ ही बृजभूषण सिंह ने अपना एक बयान भी दिया था और उन्होंने कहा था कि अगर बजरंग और विनेश तैयार होते हैं तो वह अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं।
इस पर प्रदर्शनकारी पहलवान तैयार हो गए थे लेकिन वह चाहते थे कि यह टेस्ट सुप्रीम कोर्ट के सामने हो और इसका सीधा प्रसारण नेशनल टीवी पर किया जाए ।इस बीच, वे यह भी चाहते हैं कि भाजपा सांसद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने वाले सभी सात शिकायतकर्ताओं का भी परीक्षण हो।